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  • Create Date December 19, 2023
  • Last Updated December 19, 2023

साधक संजीवनी एक हिंदी टीका है जिसे भगवद गीता पर लिखा गया है। इसे स्वामी रामसुखदास जी महाराज द्वारा लिखा गया था, जिन्होंने गीता के सिद्धांतों को समझने और उनका पालन करने के लिए एक सरल और व्यावहारिक मार्ग प्रदान करने का प्रयास किया।

Sadhak Sanjivini

साधक संजीवनी में, स्वामी रामसुखदास जी महाराज गीता के मूल विचारों की व्याख्या करते हैं, जैसे कि:

  • अहंकार का त्याग: मोक्ष प्राप्त करने के लिए, एक व्यक्ति को अपने अहंकार को त्यागना चाहिए।

  • कर्मयोग: कर्मयोग कर्म करने का एक तरीका है, लेकिन परिणामों के बारे में चिंता किए बिना।

  • भक्तियोग: भक्तियोग भगवान की भक्ति का एक तरीका है।

  • ज्ञानयोग: ज्ञानयोग आत्मज्ञान का एक तरीका है।

    साधक संजीवनी एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो भगवद गीता के सिद्धांतों को समझने और उनका पालन करने के लिए एक मूल्यवान संसाधन है। यह ग्रंथ उन सभी के लिए उपयुक्त है जो अपने जीवन में आध्यात्मिकता को खोज रहे हैं।

    साधक संजीवनी की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:**

    यह सरल और व्यावहारिक भाषा में लिखा गया है।यह एक व्यक्ति को अपने जीवन में आध्यात्मिकता को खोजने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह गीता के मूल विचारों पर केंद्रित है।

Sadhak Sanjivini

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