• Version
  • Download 254
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date November 23, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

नहीं, ब्रह्मवैवर्त पुराण में श्रीकृष्ण स्तोत्र ब्रह्मकृत नहीं है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में दो श्रीकृष्ण स्तोत्र हैं। एक स्तोत्रम 17 श्लोकों में विभाजित है और इसे राधाजी ने रचा था। दूसरा स्तोत्रम 20 श्लोकों में विभाजित है और इसे शंभुकृत कहा जाता है।

ब्रह्मवैवर्त पुराण के ब्रह्मखंड के अध्याय 3 में शंभुकृत श्रीकृष्ण स्तोत्र का उल्लेख मिलता है। लेकिन इस स्तोत्रम की रचना का श्रेय भगवान शिव को दिया जाता है। कुछ विद्वानों का मानना है कि इस स्तोत्रम की रचना किसी अन्य संत या कवि ने की थी।

ब्रह्मवैवर्त पुराण के कृष्ण जन्मखंड के अध्याय 13 में एक अन्य श्रीकृष्ण स्तोत्र का उल्लेख मिलता है। इस स्तोत्रम की रचना का श्रेय भगवान ब्रह्मा को दिया जाता है। लेकिन यह मत अधिक स्वीकृत नहीं है। अधिकांश विद्वानों का मानना है कि इस स्तोत्रम की रचना किसी अन्य संत या कवि ने की थी।

इस प्रकार, ब्रह्मवैवर्त पुराण में दो श्रीकृष्ण स्तोत्र हैं। एक स्तोत्रम राधाजी कृत है और दूसरा स्तोत्रम शंभुकृत या किसी अन्य संत या कवि कृत माना जाता है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में कोई श्रीकृष्ण स्तोत्र नहीं है जिसकी रचना भगवान ब्रह्मा ने की हो।

Srikrishna Stotram Brahmavaivartapurane Brahmakritam


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *