• Version
  • Download 250
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date November 23, 2023
  • Last Updated November 23, 2023

श्रीकृष्णाष्टकम् की तीसरी पंक्ति निम्नलिखित है:

वन्दे यौवनकृष्णं वल्गुलितशरीरम।

इसका अर्थ है:

मैं यौवनकृष्ण को नमस्कार करता हूँ, जिनका शरीर अत्यंत सुंदर और आकर्षक है।

इस पंक्ति में, कृष्ण के यौवन रूप की प्रशंसा की गई है। कृष्ण का यौवन रूप अत्यंत सुंदर और आकर्षक है। उनका शरीर गौर वर्ण का है और उनके शरीर पर अनेक सुंदर वस्त्र और आभूषण हैं। उनके बाल लंबे और घने हैं। उनके नेत्र बड़े और काले हैं। उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा अत्यंत मनमोहक है।

कृष्ण के यौवन रूप से भक्तों के मन में प्रेम और भक्ति की भावना जागृत होती है।

श्रीकृष्णाष्टकम् की तीसरी पंक्ति भक्तों को कृष्ण के यौवन रूप के सौंदर्य का ध्यान दिलाती है।

Srikrishnaashtakam 3


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *