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  • Create Date November 19, 2023
  • Last Updated November 19, 2023

Dvaadashajyotirlangaani

द्वादशज्योतिर्लिंगानि भगवान शिव के द्वादश (बारह) प्रमुख रूपों को कहते हैं। इन ज्योतिर्लिंगों का वर्णन शिवपुराण के शिवमहात्म्य खंड में मिलता है।

द्वादशज्योतिर्लिंगों के नाम और स्थान इस प्रकार हैं:

  • सोमनाथ: गुजरात
  • मल्लिकार्जुन: आन्ध्र प्रदेश
  • महाकाल: उज्जैन, मध्य प्रदेश
  • ओंकारेश्वर: मध्य प्रदेश
  • वैद्यनाथ: झारखण्ड
  • नागेश्वर: गुजरात
  • रामेश्वरम: तमिलनाडु
  • भुवनेश्वर: ओड़िशा
  • केदारनाथ: उत्तराखण्ड
  • त्र्यंबकेश्वर: महाराष्ट्र
  • घृष्णेश्वर: महाराष्ट्र

Dvaadashajyotirlangaani

द्वादशज्योतिर्लिंगों का विशेष महत्व है। इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन और पूजन से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

द्वादशज्योतिर्लिंगों के बारे में कुछ विशेष बातें इस प्रकार हैं:

  • इन ज्योतिर्लिंगों में भगवान शिव स्वयं लिंग रूप में प्रकट हुए थे।
  • इन ज्योतिर्लिंगों में भगवान शिव के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है।
  • इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन और पूजन से सभी प्रकार के भय और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।

द्वादशज्योतिर्लिंगों का भारत के विभिन्न राज्यों में स्थान है। इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन और पूजन के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं।

नववर्णमाला Navavarnamaala


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