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  • Create Date November 17, 2023
  • Last Updated November 17, 2023

श्रीकृष्णमंगलम 2 एक संस्कृत स्तोत्र है, जिसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण की मंगलकारी लीलाओं की स्तुति करता है। इस स्तोत्र में भगवान कृष्ण को एक ऐसे देवता के रूप में वर्णित किया गया है, जो सभी भक्तों के लिए मंगलकारी हैं।

श्रीकृष्णमंगलम 2 के छंद निम्नलिखित हैं:

Srikrishnamangalam 2

  1. श्रीकृष्णमंगलम 2

  2. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेव

  3. मंगलम मंगलम श्रीकृष्णं मंगलम मंगलमयं मंगलं तं नमामि मंगलम

  4. सर्वमंगलमाकारं सर्वमंगलप्रदायकं सर्वपापहरणं तं नमामि कृष्णम

  5. गोपिकावत्सलं तं गोपिकावल्लभं गोपालं गोविन्दं तं नमामि कृष्णम

  6. वसुदेवसूतं तं देवकीनन्दनं कृष्णं वंशीधरं तं नमामि कृष्णम

  7. विष्णुवल्लभं तं जनार्दनं नारायणं वासुदेवं तं नमामि कृष्णम

  8. कृष्णं यशोदावल्लभं तं नमामि कृष्णं माधवं तं नमामि

  9. कृष्णं गोविन्दं तं नमामि कृष्णं वासुदेवं तं नमामि

  10. कृष्णं देवकीनन्दनं तं नमामि कृष्णं वंशीधरं तं नमामि

  11. कृष्णं यशोदावल्लभं तं नमामि कृष्णं माधवं तं नमामि

श्रीकृष्णमंगलम 2 का अर्थ निम्नलिखित है:

  1. हे कृष्ण, हे गोविन्द, हे हरे, हे मुरारे, हे नाथ, हे नारायण, हे वासुदेव,

  2. हे मंगलकारी, हे मंगलकारी, हे श्रीकृष्ण, हे मंगलकारी,

  3. हे सभी मंगलों का अवतार, हे सभी मंगलों के दाता,

  4. हे सभी पापों का नाश करने वाले, हे कृष्ण, मुझे प्रणाम है।

  5. हे गोपिकाओं के प्रिय, हे गोपिकाओं के प्रियतम,

  6. हे गोपाल, हे गोविन्द, हे कृष्ण, मुझे प्रणाम है।

  7. हे वसुदेव के पुत्र, हे देवकी के प्रिय,

  8. हे कृष्ण, हे बांसुरीधारी, मुझे प्रणाम है।

  9. हे विष्णु के प्रिय, हे जनार्दन,

  10. हे नारायण, हे वासुदेव, मुझे प्रणाम है।

  11. हे कृष्ण, हे यशोदा के प्रिय, मुझे प्रणाम है।

  12. हे कृष्ण, हे माधव, मुझे प्रणाम है।

श्रीकृष्णमंगलम 2 एक बहुत ही सुंदर और भावपूर्ण स्तोत्र है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण की मंगलकारी लीलाओं की मनोहरता को दर्शाता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के भक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय है।

इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

  • भगवान कृष्ण की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • मन शांत और प्रसन्न होता है।
  • प्रेम और भक्ति में वृद्धि होती है।
  • दुख और कष्ट दूर होते हैं।
  • सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।

श्रीकृष्णमंगलम 2 और श्रीकृष्णमंगलम के बीच मुख्य अंतर यह है कि श्रीकृष्णमंगलम 2 में कुछ अतिरिक्त छंद हैं।


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