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- Create Date November 16, 2023
- Last Updated November 16, 2023
मंगलाचरणम् 4 एक संस्कृत श्लोक है जो भगवान गणेश की स्तुति में लिखा गया है। यह श्लोक 10वीं शताब्दी के कवि अनंताचार्य द्वारा रचित है।
mangalaacharanam 4
मंगलाचरणम् 4 का पाठ निम्नलिखित है:
गणेशं त्वां नमामि,
महात्मानं देवं।
सर्वकार्येषु सिद्धिं,
देहि नमो विघ्ननाशनम्॥
इस श्लोक का अर्थ है:
मैं गणेश महाराज को प्रणाम करता हूँ। हे विघ्ननाशक, सभी कार्यों में मुझे सिद्धि प्रदान करो।
मंगलाचरणम् 4 की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- यह श्लोक भगवान गणेश की स्तुति में लिखा गया है।
- श्लोक में गणेश को एक महान देवता के रूप में चित्रित किया गया है।
- श्लोक में गणेश से सभी कार्यों में सिद्धि प्रदान करने की प्रार्थना की गई है।
मंगलाचरणम् 4 को अक्सर धार्मिक अनुष्ठानों और समारोहों में पढ़ा जाता है। यह श्लोक भगवान गणेश को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है।
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