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  • Create Date November 16, 2023
  • Last Updated November 16, 2023

 Shivshivastutih

शिवशिवस्तुति एक प्राचीन स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 20 श्लोकों में विभाजित है। प्रत्येक श्लोक में भगवान शिव के एक विशेष रूप या गुण का वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का एक शक्तिशाली तरीका है।

शिवशिवस्तुति के रचयिता अज्ञात हैं। यह स्तोत्र भगवान शिव के भक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय है।

शिवशिवस्तुति के कुछ प्रमुख श्लोक और उनके अर्थ निम्नलिखित हैं:

  • प्रथम श्लोक: इस श्लोक में भगवान शिव को सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ और सर्वव्यापी बताया गया है।
  • द्वितीय श्लोक: इस श्लोक में भगवान शिव को सृष्टिकर्ता, पालनहार और संहारक बताया गया है।
  • तृतीय श्लोक: इस श्लोक में भगवान शिव को भक्तों के कष्टों को दूर करने वाला बताया गया है।
  • चतुर्थ श्लोक: इस श्लोक में भगवान शिव को भक्तों को मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है।
  • पंचम श्लोक: इस श्लोक में भगवान शिव की स्तुति की गई है।

शिवशिवस्तुति के कुछ प्रमुख श्लोकों का हिंदी अनुवाद निम्नलिखित है:

प्रथम श्लोक

निराकारं निराकारं निराकारं निराकारम्। निर्गुणं निर्गुणं निर्गुणं शिवं शिवं शिवम्।।

अर्थ:

जो निराकार है, जो निर्गुण है, जो शिव है, उस शिव को मैं बार-बार प्रणाम करता हूं।

Shivshivastutih

द्वितीय श्लोक

सृष्टिकर्ता पालनकर्ता संहारकर्ता शिवाय। नमस्ते नमस्ते शिवाय भक्तानां हितं करणं।।

अर्थ:

सृष्टिकर्ता, पालनहार और संहारकर्ता, शिव को मैं बार-बार प्रणाम करता हूं। जो भक्तों के हित के लिए होता है, उस शिव को मैं बार-बार प्रणाम करता हूं।

तृतीय श्लोक

कष्टनाशनं मोक्षप्रदं भक्तानां हितं करणं। शिवाय नमस्ते शिवाय सर्वेषां हितं करणं।।

अर्थ:

कष्टों को दूर करने वाला, मोक्ष प्रदान करने वाला, भक्तों के हित के लिए होता है, उस शिव को मैं बार-बार प्रणाम करता हूं, जो सभी के हित के लिए होता है।

चतुर्थ श्लोक

नमस्ते नमस्ते शिवाय नमस्ते नमस्ते शिवाय। नमस्ते नमस्ते शिवाय सर्वदा नमस्ते नमस्ते।।

अर्थ:

हे शिव! तुम्हें बार-बार प्रणाम है। हे शिव! तुम्हें बार-बार प्रणाम है। हे शिव! तुम्हें बार-बार प्रणाम है। तुम्हें सदा प्रणाम है।

शिवशिवस्तुति एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र नियमित रूप से पढ़ने से भक्तों को शांति, ज्ञान और मोक्ष प्राप्त हो सकता है।

शिवशिवस्तुति के कुछ अन्य महत्वपूर्ण पहलू निम्नलिखित हैं:

  • यह स्तोत्र भगवान शिव के एक विशेष रूप, शिवलिंग, की स्तुति में रचित है।
  • यह स्तोत्र भगवान शिव की महिमा और शक्ति का वर्णन करता है।
  • यह स्तोत्र भगवान शिव के भक्तों को प्रेरित करता है।

शिवशिवस्तुति एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान शिव के भक्तों के लिए बहुत मूल्यवान है।

शिवषडक्षरस्तोत्रम् Shivshadksharastotram


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