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  • Create Date November 14, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

Sritandaveshvarstotram

श्रीतंडवेश्वरस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के एक विशेष रूप, तंडवेश्वर की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 10वीं शताब्दी के कवि और दार्शनिक श्री अवधेशाचार्य द्वारा रचित है।

श्रीतंडवेश्वरस्तोत्रम् में कुल 10 श्लोक हैं। प्रत्येक श्लोक में, श्री अवधेशाचार्य भगवान तंडवेश्वर के एक विशेष गुण का वर्णन करते हैं।

प्रथम श्लोक में, श्री अवधेशाचार्य भगवान तंडवेश्वर को सृष्टि, पालन और संहार के कारण बताते हैं। वे कहते हैं कि भगवान तंडवेश्वर ही समस्त ब्रह्मांड के स्वामी हैं।

द्वितीय श्लोक में, श्री अवधेशाचार्य भगवान तंडवेश्वर को त्रिगुणात्म बताते हैं। वे कहते हैं कि भगवान तंडवेश्वर ही सत्व, रज और तम के स्वरूप हैं।

तृतीय श्लोक में, श्री अवधेशाचार्य भगवान तंडवेश्वर को त्रिशूलधारी बताते हैं। वे कहते हैं कि भगवान तंडवेश्वर का त्रिशूल सभी बाधाओं को दूर करने वाला है।

चतुर्थ श्लोक में, श्री अवधेशाचार्य भगवान तंडवेश्वर को सर्वशक्तिमान बताते हैं। वे कहते हैं कि भगवान तंडवेश्वर ही सर्वशक्तिमान हैं और उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं है।

पंचम श्लोक में, श्री अवधेशाचार्य भगवान तंडवेश्वर को परम सत्य बताते हैं। वे कहते हैं कि भगवान तंडवेश्वर ही परम सत्य हैं और उनमें ही समस्त ब्रह्मांड समाहित है।

षष्ठ श्लोक में, श्री अवधेशाचार्य भगवान तंडवेश्वर को ज्ञान और शक्ति का भंडार बताते हैं। वे कहते हैं कि भगवान तंडवेश्वर ही सभी जीवों को ज्ञान और शक्ति प्रदान करते हैं।

सप्तम श्लोक में, श्री अवधेशाचार्य भगवान तंडवेश्वर को सभी जीवों के उद्धारकर्ता बताते हैं। वे कहते हैं कि भगवान तंडवेश्वर ही सभी जीवों को मोक्ष प्रदान करते हैं।

Sritandaveshvarstotram

अष्टम श्लोक में, श्री अवधेशाचार्य भगवान तंडवेश्वर को सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले बताते हैं। वे कहते हैं कि जो भक्त भगवान तंडवेश्वर की भक्ति करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

नवम श्लोक में, श्री अवधेशाचार्य भगवान तंडवेश्वर को भक्तों के सर्वस्व बताते हैं। वे कहते हैं कि जो भक्त भगवान तंडवेश्वर में श्रद्धा और भक्ति रखता है, उसके लिए भगवान तंडवेश्वर ही सर्वस्व हैं।

दशम श्लोक में, श्री अवधेशाचार्य भगवान तंडवेश्वर की स्तुति करते हैं और उनसे प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें अपनी कृपा से आच्छादित करें।

श्रीतंडवेश्वरस्तोत्रम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भगवान तंडवेश्वर की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भक्तों को भगवान तंडवेश्वर के प्रति श्रद्धा और भक्ति बढ़ाने में मदद करता है।

श्रीतंडवेश्वरस्तोत्रम् के पाठ का लाभ:

  • यह स्तोत्र भक्तों को भगवान तंडवेश्वर के प्रति श्रद्धा और भक्ति बढ़ाता है।
  • यह स्तोत्र भक्तों को भगवान तंडवेश्वर की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
  • यह स्तोत्र भक्तों के सभी कष्टों को दूर करता है और उन्हें सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति कराता है।

श्रीतंडवेश्वरस्तोत्रम् का पाठ कैसे करें:

  • इस स्तोत्र का पाठ किसी भी दिन, किसी भी समय किया जा सकता है।
  • इस स्तोत्र का पाठ करते समय, भगवान तंडवेश्वर का ध्यान करना चाहिए।
  • इस स्तोत्र का पाठ करने से पहले, भगवान तंडवेश्वर को गंगाजल से स्नान कराना चाहिए।
  • इस स्तोत्र का पाठ करने के बाद, भगवान तंडवेश्वर को फूल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करना चाहिए।

**श्रीतंडवेश्वरस्तोत्रम् का पाठ करने से भक्तों को भगवान तंडवेश्वर की कृपा प्राप्त होती है।  

श्रीनटेश पञ्चरत्नस्तोत्रम् Shrinatesh Pancharatnastotram


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