• Version
  • Download 239
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date November 14, 2023
  • Last Updated November 14, 2023

श्रीकृष्णदत्तावराष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के दस नामों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भक्तिकाल के संत कवि तुलसीदास द्वारा रचित है।

श्रीकृष्णदत्तावराष्टकम् की कुछ पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं:

Srikrishnadattavarashtakam

श्रीकृष्णदत्तावराष्टकम्

कृष्ण, गोविन्द, हरि, वासुदेव, यशोदा के लाल, माधव, मुरलीधर, राधे के प्रियतम, रास रसिक नायक, श्यामसुन्दर, अर्जुन प्रिय।

हे कृष्ण, हे गोविन्द, हे हरि, हे वासुदेव, तुम यशोदा के लाल हो, तुम माधव हो, तुम मुरलीधर हो, तुम राधे के प्रियतम हो, तुम रास रसिक नायक हो, तुम श्यामसुन्दर हो, और तुम अर्जुन के प्रिय हो।

हे कृष्ण, तुम सर्वशक्तिमान हो, सर्वज्ञ हो, और सर्वव्यापी हो, तुम प्रेम, करुणा, और ज्ञान के स्रोत हो, तुम भक्तों के प्रियतम हो।

श्रीकृष्णदत्तावराष्टकम् का पाठ करने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। यह स्तोत्र अपने भक्तों को सभी पापों से मुक्त करता है।

श्रीकृष्णदत्तावराष्टकम् के पाठ के लाभ निम्नलिखित हैं:

  • यह स्तोत्र भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
  • यह स्तोत्र सभी पापों से मुक्त करने में मदद करता है।
  • यह स्तोत्र मन को शांत करने और शांति प्रदान करने में मदद करता है।
  • यह स्तोत्र ज्ञान और बुद्धि प्रदान करने में मदद करता है।

श्रीकृष्णदत्तावराष्टकम् का पाठ करने के लिए, आप इसे किसी भी समय और किसी भी स्थान पर कर सकते हैं। आप इसे ज़ोर से या मन में पढ़ सकते हैं। आप इसे एक निश्चित संख्या में बार भी पढ़ सकते हैं, जैसे कि 108 या 1008 बार।

यदि आप भगवान कृष्ण के भक्त हैं, तो श्रीकृष्णदत्तावराष्टकम् का पाठ करना एक अच्छा तरीका है। यह स्तोत्र आपको भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने और अपने जीवन में शांति और समृद्धि प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

श्रीकृष्णदत्तावराष्टकम् का पाठ करने का एक तरीका निम्नलिखित है:

  1. सबसे पहले, एक शुद्ध स्थान पर बैठें।
  2. अपने हाथों को जोड़ें और भगवान कृष्ण को प्रणाम करें।
  3. श्रीकृष्णदत्तावराष्टकम् का पाठ शुरू करें।
  4. प्रत्येक नाम का जाप करते समय, भगवान कृष्ण की छवि अपने मन में रखें।
  5. स्तोत्र का पाठ पूरा होने पर, भगवान कृष्ण को धन्यवाद दें।

आप श्रीकृष्णदत्तावराष्टकम् का पाठ किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन सुबह और शाम का समय इसके लिए सबसे अच्छा माना जाता है।


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *