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- Create Date November 14, 2023
- Last Updated July 29, 2024
श्रीकृष्णद्वादशनामस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के बारह नामों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र ब्रह्मवैवर्त पुराण में पाया जाता है।
श्रीकृष्णद्वादशनामस्तोत्रम् की कुछ पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं:
Shrikrishnadvadashnamstotram
श्रीकृष्णद्वादशनामस्तोत्रम्
कृष्ण गोविन्द हरि वासुदेव जन्मजन्मोत्तरं नमस्ते देवकीनन्दन मुकुन्द गोपनाथ नारायण वासुदेव नमस्ते
हे कृष्ण, हे गोविन्द, हे हरि, हे वासुदेव, हे जन्म-जन्म से मेरे स्वामी, तुम्हें मेरा नमस्कार है। हे देवकीनन्दन, हे मुकुन्द, हे गोपनाथ, हे नारायण, हे वासुदेव, तुम्हें मेरा नमस्कार है।
श्यामसुन्दर राधेश्याम वंशीधर चन्द्रचूड नन्दलाल नमस्ते अर्जुन प्रिय मधुसूदन जगन्नाथ देवकीनन्दन नमस्ते
हे श्यामसुन्दर, हे राधेश्याम, हे वंशीधर, हे चन्द्रचूड, हे नन्दलाल, तुम्हें मेरा नमस्कार है। हे अर्जुन प्रिय, हे मधुसूदन, हे जगन्नाथ, हे देवकीनन्दन, तुम्हें मेरा नमस्कार है।
श्रीकृष्णद्वादशनामस्तोत्रम् का पाठ करने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। यह स्तोत्र अपने भक्तों को सभी पापों से मुक्त करता है।
श्रीकृष्णद्वादशनामस्तोत्रम् के पाठ के लाभ निम्नलिखित हैं:
- यह स्तोत्र भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
- यह स्तोत्र सभी पापों से मुक्त करने में मदद करता है।
- यह स्तोत्र मन को शांत करने और शांति प्रदान करने में मदद करता है।
- यह स्तोत्र ज्ञान और बुद्धि प्रदान करने में मदद करता है।
श्रीकृष्णद्वादशनामस्तोत्रम् का पाठ करने के लिए, आप इसे किसी भी समय और किसी भी स्थान पर कर सकते हैं। आप इसे ज़ोर से या मन में पढ़ सकते हैं। आप इसे एक निश्चित संख्या में बार भी पढ़ सकते हैं, जैसे कि 108 या 1008 बार।
यदि आप भगवान कृष्ण के भक्त हैं, तो श्रीकृष्णद्वादशनामस्तोत्रम् का पाठ करना एक अच्छा तरीका है। यह स्तोत्र आपको भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने और अपने जीवन में शांति और समृद्धि प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
श्रीकृष्णद्वादशनामस्तोत्रम् का पाठ करने का एक तरीका निम्नलिखित है:
- सबसे पहले, एक शुद्ध स्थान पर बैठें।
- अपने हाथों को जोड़ें और भगवान कृष्ण को प्रणाम करें।
- श्रीकृष्णद्वादशनामस्तोत्रम् का पाठ शुरू करें।
- प्रत्येक नाम का जाप करते समय, भगवान कृष्ण की छवि अपने मन में रखें।
- स्तोत्र का पाठ पूरा होने पर, भगवान कृष्ण को धन्यवाद दें।
आप श्रीकृष्णद्वादशनामस्तोत्रम् का पाठ किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन सुबह और शाम का समय इसके लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
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