• Version
  • Download 175
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date November 10, 2023
  • Last Updated November 10, 2023

Chandisashtakam

चण्डिसष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो देवी चण्डिका की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र मार्कण्डेय पुराण में वर्णित है।

चण्डिका देवी दुर्गा का एक रूप है जो शक्ति और पराक्रम का प्रतीक है।

स्तोत्र का हिंदी अनुवाद:

श्लोक 1

स्तोत्रकार कहते हैं, "मैं चण्डिका रूप में विराजमान देवी दुर्गा की स्तुति करता हूं।"

श्लोक 2

"हे चण्डिका, तुम शक्ति और पराक्रम की देवी हो। तुम ब्रह्मांड की रक्षक हो।"

श्लोक 3

"हे चण्डिका, तुम सर्वशक्तिमान हो। तुम सभी प्रकार की शक्तियों से संपन्न हो।"

श्लोक 4

"हे चण्डिका, तुम सर्वव्यापी हो। तुम सर्वत्र व्याप्त हो।"

श्लोक 5

"हे चण्डिका, तुम सर्वज्ञ हो। तुम सब कुछ जानती हो।"

श्लोक 6

"हे चण्डिका, तुम सर्वकल्याणकारी हो। तुम सभी प्रकार की सुखों का प्रदान करने वाली हो।"

श्लोक 7

"हे चण्डिका, तुम सर्वरक्षक हो। तुम सभी प्राणियों की रक्षा करने वाली हो।"

श्लोक 8

"हे चण्डिका, तुम सर्वशत्रुविनाशक हो। तुम सभी दुष्टों का नाश करने वाली हो।"

Chandisashtakam

कुछ विशेष टिप्पणियां:

  • चण्डिसष्टकम् एक महत्वपूर्ण धार्मिक पाठ है जो देवी चण्डिका की महिमा और शक्ति को दर्शाता है।
  • यह स्तोत्र चण्डिका भक्तों के बीच लोकप्रिय है और इसका पाठ अक्सर मंदिरों और घरों में किया जाता है।
  • स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को देवी चण्डिका की कृपा प्राप्त हो सकती है।

चण्डिका देवी दुर्गा का एक महत्वपूर्ण रूप है। यह रूप शक्ति और पराक्रम का प्रतीक है। यह रूप भक्तों को प्रेरणा देता है और उन्हें शक्ति और पराक्रम की ओर अग्रसर करता है।

चण्डिसष्टकम् के कुछ महत्वपूर्ण अंश निम्नलिखित हैं:

  • "हे चण्डिका, तुम शक्ति और पराक्रम की देवी हो। तुम ब्रह्मांड की रक्षक हो।"

इस अंश में स्तोत्रकार देवी चण्डिका की शक्ति और पराक्रम का गुणगान करते हैं। वे कहते हैं कि देवी चण्डिका शक्ति और पराक्रम की देवी हैं और वे ब्रह्मांड की रक्षक हैं।

  • "हे चण्डिका, तुम सर्वशक्तिमान हो। तुम सभी प्रकार की शक्तियों से संपन्न हो।"

इस अंश में स्तोत्रकार देवी चण्डिका की शक्ति का गुणगान करते हैं। वे कहते हैं कि देवी चण्डिका सर्वशक्तिमान हैं और वे सभी प्रकार की शक्तियों से संपन्न हैं।

  • "हे चण्डिका, तुम सर्वव्यापी हो। तुम सर्वत्र व्याप्त हो।"

इस अंश में स्तोत्रकार देवी चण्डिका की व्यापकता का वर्णन करते हैं। वे कहते हैं कि देवी चण्डिका सर्वव्यापी हैं और वे सर्वत्र व्याप्त हैं।

  • "हे चण्डिका, तुम सर्वज्ञ हो। तुम सब कुछ जानती हो।"

इस अंश में स्तोत्रकार देवी चण्डिका के ज्ञान का वर्णन करते हैं। वे कहते हैं कि देवी चण्डिका सर्वज्ञ हैं और वे सब कुछ जानती हैं।

चन्द्रचूडालाष्टकम् Chandrachudalashtakam


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *