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  • Create Date November 6, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

Sri Kalleshwara Stotram

श्री कल्लेश्वर स्तोत्रम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के कल्लेश्वर रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 10 छंदों में लिखा गया है, और प्रत्येक छंद में कल्लेश्वर के एक विशेष गुण या विशेषता का वर्णन किया गया है।

पहला छंद:

हे कल्लेश्वर, आप भगवान शिव के कल्लेश्वर रूप हैं। आप आंध्र प्रदेश के कालेश्वरम मंदिर में विराजमान हैं। आप भक्तों के कष्टों को दूर करने वाले हैं।

दूसरा छंद:

आपके तीन नेत्र हैं, जो त्रिगुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। आपका त्रिशूल त्रिमूर्ति का प्रतिनिधित्व करता है। आपके हाथों में डमरू और खड्ग हैं, जो शक्ति और विनाश का प्रतिनिधित्व करते हैं।

तीसरा छंद:

आप अज्ञान का नाश करने वाले हैं। आप ज्ञान और प्रकाश के प्रतीक हैं। आप भक्तों को सही मार्ग पर चलने में मदद करते हैं।

चौथा छंद:

आप मोह का नाश करने वाले हैं। आप प्रेम और करुणा के प्रतीक हैं। आप भक्तों को आत्म-साक्षात्कार के मार्ग पर ले जाते हैं।

पांचवां छंद:

आप पापों को नष्ट करने वाले हैं। आप पुण्य और भक्ति के प्रतीक हैं। आप भक्तों को मोक्ष प्राप्त करने में मदद करते हैं।

छठा छंद:

आप सभी भक्तों के रक्षक हैं। आप उनका मार्गदर्शन और संरक्षण करते हैं। आप उन्हें सभी कष्टों और दुखों से बचाते हैं।

सातवां छंद:

आप भक्तों के लिए एक आदर्श हैं। आप उनका अनुसरण करने के लिए एक प्रेरणा हैं। आप उन्हें भगवान शिव की प्राप्ति के लिए प्रेरित करते हैं।

आठवां छंद:

आप कालेश्वरम के निवासी हैं। आप कालेश्वरम के आध्यात्मिक केंद्र हैं। आप कालेश्वरम के लोगों को आशीर्वाद देते हैं।

नौवां छंद:

आप सभी भक्तों के लिए एक आश्रय हैं। आप सभी भक्तों की रक्षा करते हैं। आप सभी भक्तों को मोक्ष प्रदान करते हैं।

दसवां छंद:

मैं आपके चरणों में गिरता हूं, हे कल्लेश्वर। मैं आपकी कृपा प्राप्त करना चाहता हूं। कृपया मुझे अपने मार्ग पर चलने में मदद करें।

श्री कल्लेश्वर स्तोत्रम एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को कल्लेश्वर की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र भक्तों को कल्लेश्वर के दिव्य गुणों और शक्तियों को याद करने और उनकी भक्ति में प्रेरित करने में मदद करता है।

यहां प्रत्येक छंद का एक संक्षिप्त सारांश दिया गया है:

Sri Kalleshwara Stotram

  • पहला छंद: कल्लेश्वर आंध्र प्रदेश के कालेश्वरम मंदिर में विराजमान हैं।
  • दूसरा छंद: कल्लेश्वर भक्तों के कष्टों को दूर करने वाले हैं।
  • तीसरा छंद: कल्लेश्वर अज्ञान का नाश करने वाले हैं।
  • चौथा छंद: कल्लेश्वर मोह का नाश करने वाले हैं।
  • पांचवां छंद: कल्लेश्वर पापों को नष्ट करने वाले हैं।
  • छठा छंद: कल्लेश्वर सभी भक्तों के रक्षक हैं।
  • सातवां छंद: कल्लेश्वर भक्तों के लिए एक आदर्श हैं।
  • आठवां छंद: कल्लेश्वर कालेश्वरम के निवासी हैं।
  • नौवां छंद: कल्लेश्वर सभी भक्तों के लिए एक आश्रय हैं।
  • दसवां छंद: भक्त कल्लेश्वर की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं।

श्री कल्लेश्वर स्तोत्रम का पाठ करने से भक्तों को कल्लेश्वर की कृपा प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। यह स्तोत्र भक्तों को कल्लेश्वर के दिव्य गुणों और शक्तियों को याद करने और उनकी भक्ति में प्रेरित करने में मदद करता है।

श्रीकालहस्तीश्वरस्तोत्रम् Sri Kalahastishvara Stotram


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