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  • Create Date November 4, 2023
  • Last Updated November 4, 2023

गायत्री चालीसा एक हिंदू धार्मिक कविता है जो देवी गायत्री की स्तुति करती है। यह 40 चौपाइयों से बनी है, और इसे अक्सर गायत्री मंत्र के जाप के साथ किया जाता है।

गायत्री चालीसा की रचना 16वीं शताब्दी में हुई थी, और इसे विष्णु सूक्त पर आधारित माना जाता है। यह कविता देवी गायत्री की महिमा का वर्णन करती है, और यह उनके भक्तों को आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए कहा जाता है।

Gayatri Chalisa

गायत्री चालीसा की कुछ प्रमुख पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं:

  • चौपाई 1:

ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभा जीवन ज्योति प्रचंड। शांति कांति जागृत प्रगति रचना शक्ति अखंड।

  • चौपाई 2:

जगत जननी मंगल करनि गायत्री सुखधाम। प्रणवों सावित्री स्वधा स्वाहा पूरन काम।

  • चौपाई 3:

भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी। गायत्री नित कलिमल दहनी।

  • चौपाई 40:

तुम्हरी शरण गहै जो कोई। तरै सकल संकट सों सोई।

गायत्री चालीसा का पाठ करने से भक्तों को देवी गायत्री का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह उन्हें ज्ञान, विवेक, और प्रकाश प्रदान करता है। यह उन्हें जीवन के कठिन समय में मार्गदर्शन और शक्ति भी प्रदान करता है।

गायत्री चालीसा एक शक्तिशाली धार्मिक कविता है जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह देवी गायत्री की भक्ति और आराधना का एक महत्वपूर्ण तरीका है।

Gayatri Chalisa

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