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  • Create Date November 4, 2023
  • Last Updated November 4, 2023

 Mahakaalbhairavashtakam or Tikshandanshtrakaalbhairavashtakam

महाकालभैरवष्टक और तिखंडंदष्ट्राकालभैरवष्टक दो संस्कृत स्तोत्र हैं जो भगवान शिव के भैरव रूप की स्तुति करते हैं। ये दोनों स्तोत्र 8 श्लोकों के हैं और इन्हें 13वीं शताब्दी के एक महान वैष्णव संत, श्रीनिवासाचार्य ने लिखा था।

महाकालभैरवष्टक

श्लोक 1

नमस्ते श्मशाननिवासाय नमस्ते कालभैरवाय।नमस्ते भूतनाथाय नमस्ते नृसिंहाय ते।

अर्थ:

हे श्मशान में रहने वाले, आपको नमस्कार।हे कालभैरव, आपको नमस्कार।हे भूतनाथ, आपको नमस्कार।हे नृसिंह, आपको नमस्कार।

श्लोक 2

नमस्ते त्रिनेत्राय नमस्ते सर्वशक्तिमानाय।नमस्ते त्रिपुरांतकाय नमस्ते मृत्युंजयाय ते।

अर्थ:

हे त्रिनेत्र, आपको नमस्कार।हे सर्वशक्तिमान, आपको नमस्कार।हे त्रिपुरांतक, आपको नमस्कार।हे मृत्युंजय, आपको नमस्कार।

श्लोक 3

नमस्ते चंद्रमौलिकाय नमस्ते गंगाधारकाय।नमस्ते वृषभवाहकाय नमस्ते त्रिशूलधारकाय ते।

अर्थ:

हे चंद्रमौली, आपको नमस्कार।हे गंगाधारी, आपको नमस्कार।हे वृषभवाहक, आपको नमस्कार।हे त्रिशूलधारी, आपको नमस्कार।

श्लोक 4

नमस्ते सर्वभूतनाथाय नमस्ते षडाननाय ते।नमस्ते त्रिलोकनाथाय नमस्ते रुद्ररूपाय ते।

अर्थ:

 Mahakaalbhairavashtakam or Tikshandanshtrakaalbhairavashtakam

हे सर्वभूतनाथ, आपको नमस्कार।हे षडानन, आपको नमस्कार।हे त्रिलोकनाथ, आपको नमस्कार।हे रुद्ररूप, आपको नमस्कार।

श्लोक 5

नमस्ते सर्वशत्रुहराय नमस्ते सर्वरोगनाशिने।नमस्ते सर्वपापनाशिने नमस्ते सर्वविघ्ननाशिने ते।

अर्थ:

हे सभी शत्रुओं को हराने वाले, आपको नमस्कार।हे सभी रोगों को नष्ट करने वाले, आपको नमस्कार।हे सभी पापों को नष्ट करने वाले, आपको नमस्कार।हे सभी विघ्नों को नष्ट करने वाले, आपको नमस्कार।

श्लोक 6

नमस्ते सर्वकष्टनाशिने नमस्ते सर्वभयनाशिने।नमस्ते सर्वार्थसिद्धिदायकाय नमस्ते सर्वशक्तिदायकाय ते।

अर्थ:

हे सभी कष्टों को नष्ट करने वाले, आपको नमस्कार।हे सभी भयों को नष्ट करने वाले, आपको नमस्कार।हे सभी प्रकार की सिद्धि देने वाले, आपको नमस्कार।हे सभी शक्तियों को देने वाले, आपको नमस्कार।

श्लोक 7

नमस्ते सर्वकामनापूर्ते नमस्ते सर्वलोकपालाय।नमस्ते सर्वदेवतानाथाय नमस्ते सर्वसुरप्रियाय ते।

अर्थ:

हे सभी कामनाओं को पूर्ण करने वाले, आपको नमस्कार।हे सभी लोकों के पालक, आपको नमस्कार।हे सभी देवताओं के नाथ, आपको नमस्कार।हे सभी सुरों के प्रिय, आपको नमस्कार।

श्लोक 8

नमस्ते कालभैरवदेवाय नमस्ते महाभैरवाय।नमस्ते सर्वलोकनायकाय नमस्ते सर्वमंगलदायकाय ते।

अर्थ:

हे कालभैरव देव, आपको नमस्कार।हे महाभैरव, आपको नमस्कार। **हे सभी लोकों के नायक

महादेवस्तुतिः वरप्राप्त्यर्थं पार्वतिकृता Mahadevstuti: Varapraptyaartham Parvatikrita


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