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  • Create Date November 2, 2023
  • Last Updated November 2, 2023

वेदांत दर्शन हिंदू धर्म के छह दर्शनों में से एक है। यह दर्शन ब्रह्म (अद्वैत) के अस्तित्व और ब्रह्म और आत्मा की एकता पर आधारित है। वेदांत दर्शन के अनुसार, ब्रह्म ही एकमात्र वास्तविकता है, और आत्मा ब्रह्म का ही एक अंश है। मोक्ष प्राप्त करने का अर्थ है इस अज्ञान को दूर करना और ब्रह्म के साथ अपनी एकता को अनुभव करना।

वेदांत दर्शन के तीन प्रमुख शाखाएँ हैं:

Vedant Darshan

  • अद्वैत वेदांत: अद्वैत वेदांत के अनुसार, ब्रह्म और आत्मा एक ही हैं। आत्मा ब्रह्म का ही एक अंश है, और मोक्ष प्राप्त करने का अर्थ है इस अज्ञान को दूर करना और ब्रह्म के साथ अपनी एकता को अनुभव करना।
  • द्वैत वेदांत: द्वैत वेदांत के अनुसार, ब्रह्म और आत्मा दो अलग-अलग वास्तविकताएँ हैं। आत्मा एक स्वतंत्र सत्ता है, और मोक्ष प्राप्त करने का अर्थ है ब्रह्म के साथ एक अद्वैत संबंध स्थापित करना।
  • विशिष्टाद्वैत वेदांत: विशिष्टाद्वैत वेदांत के अनुसार, ब्रह्म और आत्मा दो अलग-अलग वास्तविकताएँ हैं, लेकिन वे एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। आत्मा ब्रह्म का ही एक अंश है, लेकिन यह ब्रह्म से अलग भी है। मोक्ष प्राप्त करने का अर्थ है ब्रह्म के साथ एक विशेष संबंध स्थापित करना।

वेदांत दर्शन हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण दर्शन है। यह दर्शन हिंदू धर्म की आध्यात्मिकता और दर्शन का आधार है।

वेदांत दर्शन के कुछ प्रमुख सिद्धांत:

  • ब्रह्म ही एकमात्र वास्तविकता है।
  • आत्मा ब्रह्म का ही एक अंश है।
  • मोक्ष प्राप्त करने का अर्थ है ब्रह्म के साथ अपनी एकता को अनुभव करना।

वेदांत दर्शन के कुछ प्रमुख उप-सिद्धांत:

  • अज्ञान: अज्ञान ही दुख का कारण है।
  • मोक्ष: मोक्ष ही दुख से मुक्ति का मार्ग है।
  • ज्ञान: ज्ञान ही मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग है।

वेदांत दर्शन के कुछ प्रमुख ग्रंथ:

  • उपनिषद: उपनिषद वेदांत दर्शन के मूल ग्रंथ हैं।
  • ब्रह्मसूत्र: ब्रह्मसूत्र उपनिषदों का भाष्य है।
  • गीता: गीता एक हिंदू आध्यात्मिक ग्रंथ है जो वेदांत दर्शन के सिद्धांतों को भी प्रस्तुत करता है।

वेदांत दर्शन के कुछ प्रमुख आचार्य:

  • शंकराचार्य: शंकराचार्य अद्वैत वेदांत के प्रवर्तक थे।
  • रामानुजाचार्य: रामानुजाचार्य द्वैत वेदांत के प्रवर्तक थे।
  • मध्वाचार्य: मध्वाचार्य द्वैत वेदांत के एक अन्य प्रवर्तक थे।
  • निम्बार्काचार्य: निम्बार्काचार्य द्वैताद्वैत वेदांत के प्रवर्तक थे।

वेदांत दर्शन एक समृद्ध और जटिल दर्शन है जो हिंदू धर्म की आध्यात्मिकता और दर्शन का आधार है। यह दर्शन आज भी प्रासंगिक है, और यह हमें जीवन के कई महत्वपूर्ण मूल्यों के बारे में सिखाता है।

वेदांत दर्शन (Hindi-SanskrVedant Darshanit)

Vedant Darshan

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