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  • Create Date October 27, 2023
  • Last Updated October 27, 2023

श्रीनित्यानन्दद्वादाशकम एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण के अनंत आनंद को दर्शाता है। यह स्तोत्र भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का वर्णन करता है, जो हमेशा आनंदित और प्रसन्न रहते हैं। श्रीनित्यानन्दद्वादाशकम की रचना आदि शंकराचार्य जी द्वारा की गई थी।

श्रीनित्यानन्दद्वादाशकम में 12 श्लोक हैं। प्रत्येक श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण के अनंत आनंद की एक अलग विशेषता की स्तुति करते हैं।

प्रथम श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण को एक अनंत आनंद के रूप में वर्णित करते हैं।

दूसरे श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण को एक आनंद के स्रोत के रूप में वर्णित करते हैं।

तीसरे श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण को एक आनंद के नदी के रूप में वर्णित करते हैं।

चौथे श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण को एक आनंद के सागर के रूप में वर्णित करते हैं।

पाँचवें श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण को एक आनंद के फूल के रूप में वर्णित करते हैं।

छठे श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण को एक आनंद के वृक्ष के रूप में वर्णित करते हैं।

सातवें श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण को एक आनंद के चंद्रमा के रूप में वर्णित करते हैं।

आठवें श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण को एक आनंद के सूर्य के रूप में वर्णित करते हैं।

नवें श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण को एक आनंद के अग्नि के रूप में वर्णित करते हैं।

दसवें श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण को एक आनंद के प्रकाश के रूप में वर्णित करते हैं।

ग्यारहवें श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण को एक आनंद के आनंद के रूप में वर्णित करते हैं।

बारहवें श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण की जयजयकार करते हैं।

श्रीनित्यानन्दद्वादाशकम एक शक्तिशाली भक्तिपूर्ण अभ्यास है जो भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण के साथ एक गहरा आध्यात्मिक संबंध विकसित करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण के अनंत आनंद का अनुभव करने में भी मदद कर सकता है।

श्रीनित्यानन्दद्वादाशकम के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं:

shreenityaanandadvaadashakam

  • यह स्तोत्र भगवान श्रीकृष्ण के अनंत आनंद को दर्शाता है।
  • यह स्तोत्र एक शक्तिशाली भक्तिपूर्ण अभ्यास है।

यहाँ श्रीनित्यानन्दद्वादाशकम के कुछ श्लोकों का अनुवाद दिया गया है:

श्लोक 1

अर्थ:

हे भगवान श्रीकृष्ण, आप अनंत आनंद हैं। आप हमेशा आनंदित और प्रसन्न रहते हैं।

श्लोक 2

अर्थ:

हे भगवान श्रीकृष्ण, आप आनंद के स्रोत हैं। आप सभी जीवों को आनंद प्रदान करते हैं।

श्लोक 3

अर्थ:

हे भगवान श्रीकृष्ण, आप आनंद की नदी हैं। आप सभी जीवों को आनंद से भर देते हैं।

श्रीनित्यानन्दद्वादाशकम एक सुंदर और भावपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण के अनंत आनंद की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण के साथ एक गहरी आध्यात्मिक संबंध विकसित करने में मदद कर सकता है।


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