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  • Create Date October 27, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

श्रीपंचाक्षरमंत्रगर्भस्तोत्र एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण के पंचाक्षर मंत्र "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र पंचाक्षर मंत्र को एक आध्यात्मिक शक्ति के रूप में वर्णित करता है, जो भक्तों को मोक्ष प्रदान कर सकती है। श्रीपंचाक्षरमंत्रगर्भस्तोत्र की रचना आदि शंकराचार्य जी द्वारा की गई थी।

श्रीपंचाक्षरमंत्रगर्भस्तोत्र में 10 श्लोक हैं। प्रत्येक श्लोक में, भक्त पंचाक्षर मंत्र की एक अलग विशेषता की स्तुति करते हैं।

प्रथम श्लोक में, भक्त पंचाक्षर मंत्र को एक आध्यात्मिक शक्ति के रूप में वर्णित करते हैं, जो भक्तों को मोक्ष प्रदान कर सकती है।

दूसरे श्लोक में, भक्त पंचाक्षर मंत्र को एक प्रकाश के रूप में वर्णित करते हैं, जो भक्तों को अज्ञान के अंधकार से बाहर निकाल सकता है।

तीसरे श्लोक में, भक्त पंचाक्षर मंत्र को एक शरण के रूप में वर्णित करते हैं, जो भक्तों को सभी दुःखों से बचा सकता है।

चौथे श्लोक में, भक्त पंचाक्षर मंत्र को एक नदी के रूप में वर्णित करते हैं, जो भक्तों के पापों को धो सकती है।

पाँचवें श्लोक में, भक्त पंचाक्षर मंत्र को एक फल के रूप में वर्णित करते हैं, जो भक्तों को मोक्ष प्रदान कर सकता है।

छठे श्लोक में, भक्त पंचाक्षर मंत्र को एक फूल के रूप में वर्णित करते हैं, जो भक्तों के हृदय को सुगंधित कर सकता है।

सातवें श्लोक में, भक्त पंचाक्षर मंत्र को एक मंदिर के रूप में वर्णित करते हैं, जहां भक्त ध्यान कर सकते हैं।

आठवें श्लोक में, भक्त पंचाक्षर मंत्र से प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें अपने आशीर्वाद से भर दें।

नवें श्लोक में, भक्त पंचाक्षर मंत्र की महिमा का वर्णन करते हैं।

दसवें श्लोक में, भक्त पंचाक्षर मंत्र की जयजयकार करते हैं।

श्रीपंचाक्षरमंत्रगर्भस्तोत्र एक शक्तिशाली भक्तिपूर्ण अभ्यास है जो भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण के साथ एक गहरा आध्यात्मिक संबंध विकसित करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र भक्तों को पंचाक्षर मंत्र की महिमा का अनुभव करने में भी मदद कर सकता है।

श्रीपंचाक्षरमंत्रगर्भस्तोत्र के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं:

  • यह स्तोत्र पंचाक्षर मंत्र की महिमा का वर्णन करता है।
  • यह स्तोत्र पंचाक्षर मंत्र को एक आध्यात्मिक शक्ति के रूप में वर्णित करता है।
  • यह स्तोत्र एक शक्तिशाली भक्तिपूर्ण अभ्यास है।

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यहाँ श्रीपंचाक्षरमंत्रगर्भस्तोत्र के कुछ श्लोकों का अनुवाद दिया गया है:

श्लोक 1

अर्थ:

हे भगवान श्रीकृष्ण, आपके पंचाक्षर मंत्र में सभी ज्ञान और शक्ति निहित है। यह भक्तों को मोक्ष प्रदान कर सकता है।

श्लोक 2

अर्थ:

हे भगवान श्रीकृष्ण, आपके पंचाक्षर मंत्र एक प्रकाश हैं। वे भक्तों को अज्ञान के अंधकार से बाहर निकाल सकते हैं।

श्लोक 3

अर्थ:

हे भगवान श्रीकृष्ण, आपके पंचाक्षर मंत्र एक शरण हैं। वे भक्तों को सभी दुःखों से बचा सकते हैं।

श्रीपंचाक्षरमंत्रगर्भस्तोत्र एक सुंदर और भावपूर्ण स्तोत्र है जो पंचाक्षर मंत्र की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण के साथ एक गहरी आध्यात्मिक संबंध विकसित करने में मदद कर सकता है।


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