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  • Create Date October 24, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

हरिहरष्टोत्तराशातनामस्तोत्रम् और श्रीहरिहरतक्षोत्रम् दोनों ही हिंदू देवता हरिहर की स्तुति में लिखे गए स्तोत्र हैं। हरिहर, भगवान विष्णु और भगवान शिव का एक संयुक्त रूप है।

हरिहरष्टोत्तराशातनामस्तोत्रम् एक 108 नामों वाला स्तोत्र है जो भगवान हरिहर की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 108 श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में हरिहर के एक अलग नाम का उल्लेख है।

श्रीहरिहरतक्षोत्रम् एक छोटा स्तोत्र है जो केवल 12 श्लोकों में है। यह स्तोत्र भगवान हरिहर की शक्ति और दया का वर्णन करता है।

दोनों स्तोत्र हिंदू धर्म में बहुत लोकप्रिय हैं और अक्सर पूजा और अनुष्ठानों में पढ़े जाते हैं।

हरिहरष्टोत्तराशातनामस्तोत्रम्

अर्थ:

  • मैं भगवान हरिहर की स्तुति करता हूं, जो विष्णु और शिव के संयुक्त रूप हैं।
  • वे सृष्टि, पालन और संहार के देवता हैं।
  • वे सभी ज्ञान और शक्ति के स्रोत हैं।
  • वे सभी जीवों के रक्षक हैं।

श्रीहरिहरतक्षोत्रम्

अर्थ:

  • हे भगवान हरिहर, आप दोनों ही विष्णु और शिव हैं।
  • आप सभी शक्तियों के स्वामी हैं।
  • आप सभी जीवों के रक्षक हैं।
  • आप सभी को मोक्ष प्रदान करते हैं।

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