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- Create Date October 11, 2023
- Last Updated October 11, 2023
नमस्काराष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान गणेश को समर्पित है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में भगवान गणेश की महिमा और गुणों का वर्णन करता है।
प्रथम श्लोक:
सदा प्रार्थितो श्रीगणेशाय धृतवक्त्रः नमस्कारं करोति भक्त्या नमस्काराष्टकम्
अनुवाद:
हे गणेश, हम आपके चरणों में अपना सिर झुकाते हैं। हम आपसे प्रार्थना करते हैं कि आप हमें अपनी कृपा से आशीर्वाद दें।
द्वितीय श्लोक:
मतीहीनः दीनः अस्ति भगवन् मम करो भक्त्या नमस्कारं त्वां नमस्काराष्टकम्
अनुवाद:
हे भगवान, मैं एक मूर्ख और दीन व्यक्ति हूं। कृपया मुझे अपनी कृपा से आशीर्वाद दें ताकि मैं आपके चरणों में नमस्कार कर सकूं।
तृतीय श्लोक:
लडिवाळो मी बाळ अज्ञान तुझे गुरुवाचुनी पांग फेडील माझा
अनुवाद:
हे भगवान, मैं अभी भी एक बच्चा हूं और मैं अज्ञानी हूं। कृपया मुझे अपनी कृपा से आशीर्वाद दें ताकि मैं आपके मार्ग पर चल सकूं।
चतुर्थ श्लोक:
बरा लाधला जन्म हा मानवाचा नरा सार्थका साधनीभूत साचा
अनुवाद:
हे भगवान, यह मानव जन्म एक दुर्लभ अवसर है। कृपया मुझे अपनी कृपा से आशीर्वाद दें ताकि मैं इसे सार्थक बना सकूं।
पंचम श्लोक:
धरू गणेशप्रेमा गळाया अहंता नमस्कारं करोति भक्त्या नमस्काराष्टकम्
अनुवाद:
हे भगवान, कृपया मुझे अपनी कृपा से आशीर्वाद दें ताकि मैं अपने अहंकार को दूर कर सकूं और आपकी भक्ति में लीन हो सकूं।
षष्ठम श्लोक:
धरावे करी सान अल्पज्ञ बाला करावें आम्हा धन्य चुंबोनि घाला
अनुवाद:
हे भगवान, कृपया मुझे अपनी कृपा से आशीर्वाद दें ताकि मैं सभी को अपनी सेवा कर सकूं और उन्हें खुश कर सकूं।
सप्तम श्लोक:
सुरादिक ज्यांच्या पदा वंदिताती शुकादिक ज्यांतें समानत्व देती
अनुवाद:
हे भगवान, आपके चरणों की वंदना देवता भी करते हैं। कृपया मुझे भी अपनी कृपा से आशीर्वाद दें ताकि मैं आपके चरणों में रह सकूं।
अष्टम श्लोक:
तुला मागतों मागणें एक द्यावें करो जोडितों दीन अत्यंत भावें
अनुवाद:
हे भगवान, मैं आपसे एक ही चीज मांगता हूं। कृपया मुझे अपनी कृपा से आशीर्वाद दें ताकि मैं आपके चरणों में रह सकूं।
नमस्काराष्टकम् एक बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र है। यह स्तोत्र भक्तों को भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। यह स्तोत्र किसी भी समय और किसी भी स्थान पर पढ़ा जा सकता है।
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