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  • Create Date October 10, 2023
  • Last Updated October 10, 2023

शरदे करुणानिधे एक संस्कृत स्तोत्र है जो हिंदू देवी सरस्वती की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 16 श्लोकों से बना है, जो सरस्वती की महिमा और शक्ति का वर्णन करते हैं।

शरदे करुणानिधे का पाठ प्राचीन काल से ही किया जा रहा है। यह स्तोत्र ज्ञान, बुद्धि और रचनात्मकता के लिए एक शक्तिशाली साधन माना जाता है।

स्तोत्र का आरंभ इस प्रकार है:

शरदे करुणानिधे सकलानवाम्ब सदा जनान् चारणादिमगीतवैभवपूरिताखिलदिक्तते

अर्थ: हे करुणा की धरोहर सरस्वती, आप सभी लोगों को हमेशा अपने आशीर्वाद से भरपूर रखती हैं। आपके चारों ओर ज्ञान और कला की चमक हमेशा ही फैली रहती है।

स्तोत्र के कुछ प्रमुख श्लोक इस प्रकार हैं:

  • प्रथम श्लोक: सरस्वती को करुणा की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
  • द्वितीय श्लोक: सरस्वती को ज्ञान की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
  • तृतीय श्लोक: सरस्वती को कला की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
  • चतुर्थ श्लोक: सरस्वती को बुद्धि की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
  • पंचम श्लोक: सरस्वती को रचनात्मकता की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
  • षष्ठम श्लोक: सरस्वती को वाणी की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
  • सप्तम श्लोक: सरस्वती को विद्या की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
  • अष्टम श्लोक: सरस्वती को बुद्धि की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
  • नवम श्लोक: सरस्वती को रचनात्मकता की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
  • दशम श्लोक: सरस्वती से ज्ञान, बुद्धि और रचनात्मकता का आशीर्वाद मांगा गया है।

शरदे करुणानिधे का पाठ करने से ज्ञान, बुद्धि और रचनात्मकता में वृद्धि होती है। यह स्तोत्र छात्रों, विद्वानों, कलाकारों और सभी ज्ञान के अनुरागी लोगों के लिए लाभकारी है।

शरदे करुणानिधे का पाठ निम्नलिखित विधि से किया जाता है:

  • सबसे पहले, एक स्वच्छ स्थान पर बैठकर हाथ जोड़कर देवी सरस्वती का ध्यान करें।
  • फिर, स्तोत्र का पाठ करें, प्रत्येक श्लोक का ध्यानपूर्वक अर्थ समझते हुए।
  • स्तोत्र का पाठ 108 बार या अधिक बार करना लाभदायक होता है।

शरदे करुणानिधे के कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

  • यह स्तोत्र ज्ञान, बुद्धि और रचनात्मकता को बढ़ावा देता है।
  • यह स्तोत्र छात्रों, विद्वानों और कलाकारों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।
  • यह स्तोत्र मानसिक शांति और ध्यान को बढ़ावा देता है।
  • यह स्तोत्र व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।

शरदे करुणानिधे का पाठ करने से पहले, देवी सरस्वती की आराधना करना और उनके आशीर्वाद प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।


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