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  • Create Date October 10, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

अर्धनारिश्वरस्तोत्रम् ३ एक संस्कृत भजन है जो भगवान शिव और देवी पार्वती के अर्धनारीश्वर रूप की स्तुति करता है। यह भजन 15वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि माधवाचार्य द्वारा लिखा गया था।

अर्धनारिश्वरस्तोत्रम् ३ के दस श्लोक हैं, और प्रत्येक श्लोक में भगवान शिव और देवी पार्वती के अर्धनारीश्वर रूप के एक अलग पहलू का वर्णन किया गया है।

अर्धनारिश्वरस्तोत्रम् ३ का पहला श्लोक इस प्रकार है:

अर्धनारिश्वर स्वरूपाय, नमस्ते नमस्ते। शिव पार्वती रूपाय, नमस्ते नमस्ते।

इस श्लोक में, माधवाचार्य भगवान शिव और देवी पार्वती के अर्धनारीश्वर रूप को नमस्कार करते हैं। वे कहते हैं कि यह रूप शिव और पार्वती के मिलन का प्रतीक है।

अर्धनारिश्वरस्तोत्रम् ३ के दस श्लोकों का अर्थ है:

  • श्लोक 1: भगवान शिव और देवी पार्वती के अर्धनारीश्वर रूप को नमस्कार।
  • श्लोक 2: शिव और पार्वती के मिलन का प्रतीक।
  • श्लोक 3: शिव और पार्वती के सामंजस्य का प्रतीक।
  • श्लोक 4: शिव और पार्वती की शक्ति का प्रतीक।
  • श्लोक 5: शिव और पार्वती की प्रेम का प्रतीक।
  • श्लोक 6: शिव और पार्वती की करुणा का प्रतीक।
  • श्लोक 7: शिव और पार्वती की कृपा का प्रतीक।
  • श्लोक 8: शिव और पार्वती की आशीर्वाद का प्रतीक।
  • श्लोक 9: शिव और पार्वती की मोक्ष का प्रतीक।

अर्धनारिश्वरस्तोत्रम् ३ एक शक्तिशाली भक्ति भजन है जो भक्तों के दिलों में भगवान शिव और देवी पार्वती के लिए प्रेम और भक्ति को जगा सकता है। यह भजन भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन, सामंजस्य, शक्ति, प्रेम, करुणा, कृपा और आशीर्वाद की महिमा को दर्शाता है।

अर्धनारिश्वरस्तोत्रम् ३ के दस श्लोकों का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है:

  1. हे भगवान शिव और देवी पार्वती के अर्धनारीश्वर रूप, आपको नमस्कार।
  2. आप शिव और पार्वती के मिलन का प्रतीक हैं।
  3. आप शिव और पार्वती के सामंजस्य का प्रतीक हैं।
  4. आप शिव और पार्वती की शक्ति का प्रतीक हैं।
  5. आप शिव और पार्वती के प्रेम का प्रतीक हैं।
  6. आप शिव और पार्वती की करुणा का प्रतीक हैं।
  7. आप शिव और पार्वती की कृपा का प्रतीक हैं।
  8. आप शिव और पार्वती की आशीर्वाद का प्रतीक हैं।
  9. आप शिव और पार्वती की मोक्ष का प्रतीक हैं।

अर्धनारिश्वरस्तोत्रम् ३ एक लोकप्रिय भजन है जिसे अक्सर पूजा और अनुष्ठानों के दौरान गाया जाता है। यह भजन भक्तों को भगवान शिव और देवी पार्वती की कृपा प्राप्त करने और अपने जीवन में आध्यात्मिक और भौतिक दोनों तरह से सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है।


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