- Version
- Download 4156
- File Size 0.00 KB
- File Count 1
- Create Date October 10, 2023
- Last Updated October 10, 2023
श्री राधा प्रार्थना चतुश्लोकी
कृपयति यदि राधा बाधिता शेष बाधा किम परम विशिष्टं पुष्टिमर्यादयोर्मे। यदि वदति च किंञ्चित स्मेर हासोऽदित श्री द्विज वर मणि पंक्त्या भुक्ति शुक्त्या तदा किम्।
अर्थ:
- यदि श्री राधा प्रसन्न हों, तो अन्य सभी बाधाएं मिट जाती हैं।
- यदि श्री राधा मुस्कुराकर कुछ भी कह दें, तो वह तीनों लोकों के वैभव या मुक्ति से भी बढ़कर है।
श्री राधा प्रार्थना चतुश्लोकी एक संस्कृत भजन है जो श्री राधा की कृपा और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करता है। यह भजन 16वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि वल्लभाचार्य द्वारा लिखा गया था।
पहला श्लोक कहता है कि यदि श्री राधा प्रसन्न हों, तो अन्य सभी बाधाएं मिट जाती हैं। भक्तों के लिए, श्री राधा की कृपा से बड़ा कोई वरदान नहीं है।
दूसरा श्लोक कहता है कि यदि श्री राधा मुस्कुराकर कुछ भी कह दें, तो वह तीनों लोकों के वैभव या मुक्ति से भी बढ़कर है। श्री राधा की मुस्कान में ही भक्तों के लिए सब कुछ समाहित है।
श्री राधा प्रार्थना चतुश्लोकी एक शक्तिशाली भक्ति भजन है जो भक्तों के दिलों में श्री राधा के लिए प्रेम और भक्ति को जगा सकता है। यह भजन श्री राधा की कृपा और आशीर्वाद की महिमा को दर्शाता है।
Download