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  • Create Date October 9, 2023
  • Last Updated October 9, 2023

श्रीगणपति षोडशनामावली एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान गणेश की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 16 नामों में रचित है, और प्रत्येक नाम भगवान गणेश के एक अलग गुण या विशेषता को दर्शाता है।

श्रीगणपति षोडशनामावली की रचना भक्त कवि श्रीधराचार्य ने की थी। श्रीधराचार्य एक महान भक्त थे, और उन्होंने भगवान गणेश की भक्ति में कई स्तोत्र और भजन लिखे हैं।

श्रीगणपति षोडशनामावली का पाठ निम्नलिखित है:

श्रीगणेशाय नमः।

  1. एकदन्ताय नमः।

भावार्थ:

मैं उस एकदन्त भगवान गणेश को प्रणाम करता हूं।

  1. कपिलाय नमः।

भावार्थ:

मैं उस कपिल भगवान गणेश को प्रणाम करता हूं।

  1. वक्रतुण्डाय नमः।

भावार्थ:

मैं उस वक्रतुण्ड भगवान गणेश को प्रणाम करता हूं।

  1. गजाननाय नमः।

भावार्थ:

मैं उस गजानन भगवान गणेश को प्रणाम करता हूं।

  1. विघ्ननायकाय नमः।

भावार्थ:

मैं उस विघ्ननायकाय भगवान गणेश को प्रणाम करता हूं।

...

  1. सर्वार्थसाधिकाय नमः।

भावार्थ:

मैं उस सर्वार्थसाधिकाय भगवान गणेश को प्रणाम करता हूं।

श्रीगणपति षोडशनामावली एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र भक्तों को आध्यात्मिक और भौतिक दोनों स्तरों पर सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

श्रीगणपति षोडशनामावली को पढ़ने या गाने के लिए कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं:

  • स्तोत्र को धीरे-धीरे और ध्यान से पढ़ना या गाना चाहिए।
  • स्तोत्र को पढ़ते या गाते समय, भक्त को भगवान गणेश की छवि या मूर्ति के सामने बैठना चाहिए और उनकी स्तुति करनी चाहिए।

श्रीगणपति षोडशनामावली के कुछ महत्वपूर्ण विषय निम्नलिखित हैं:

  • भगवान गणेश के विभिन्न गुणों और विशेषताओं की स्तुति
  • भगवान गणेश की भक्ति से प्राप्त होने वाली सभी प्रकार की सिद्धियों और लाभों की प्रार्थना

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