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  • Create Date October 9, 2023
  • Last Updated October 9, 2023

हाँ, विघ्नराजस्तवि महर्षि माँसुर द्वारा रचित है। यह स्तोत्र मुदगलपुराण में वर्णित है।

विघ्नराजस्तवि में, भक्त भगवान गणेश को विघ्नों को दूर करने वाले के रूप में स्तुति करते हैं। वे गणेश से प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें सभी प्रकार के विघ्नों से बचाएं और उन्हें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करें।

विघ्नराजस्तवि के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:

  • यह भक्तों को सभी प्रकार के विघ्नों से बचाता है।
  • यह भक्तों को अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
  • यह भक्तों को मोक्ष प्राप्त करने में मदद करता है।

विघ्नराजस्तवि एक शक्तिशाली साधन है जिसका उपयोग भक्त अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कर सकते हैं। यह भक्तों को आध्यात्मिक और भौतिक दोनों स्तरों पर सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

विघ्नराजस्तवि के कुछ महत्वपूर्ण छंद निम्नलिखित हैं:

श्लोक 1:

विघ्नराजाय नमः सर्वविघ्नविनाशकाय सिद्धिविनायकाय नमः

अर्थ:

विघ्नों के राजा को नमस्कार सभी विघ्नों को नष्ट करने वाले को सिद्धि प्रदान करने वाले को नमस्कार

श्लोक 2:

धूम्रवर्णाय नमः गजवदनाय नमः एकदन्ताय नमः

अर्थ:

धूम्रवर्ण वाले को नमस्कार हाथी के मुख वाले को नमस्कार एक दांत वाले को नमस्कार

श्लोक 3:

वक्रतुण्डाय नमः गणाध्यक्षाय नमः सर्वशुभप्रदायकाय नमः

अर्थ:

वक्र मुख वाले को नमस्कार गणों के अध्यक्ष को नमस्कार सभी शुभ प्रदान करने वाले को नमस्कार

श्लोक 4:

नागाधिराजाय नमः ऋद्धिसिद्धिदायकाय नमः सर्वकामप्रदायकाय नमः

अर्थ:

नागों के राजा को नमस्कार ऋद्धि और सिद्धि प्रदान करने वाले को नमस्कार सभी कामनाओं को पूर्ण करने वाले को नमस्कार

श्लोक 5:

महागणेशाय नमः सर्वपापनाशकाय नमः सर्वजनप्रियाय नमः

अर्थ:

महागणेश को नमस्कार सभी पापों को नष्ट करने वाले को नमस्कार सभी लोगों के प्रिय को नमस्कार

विघ्नराजस्तवि एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कर सकते हैं। यह भक्तों को आध्यात्मिक और भौतिक दोनों स्तरों पर सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है।


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