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  • Create Date October 8, 2023
  • Last Updated October 8, 2023

श्री गणेश मंगलाष्टकम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान गणेश की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों का है। प्रत्येक श्लोक में, भगवान गणेश की एक विशेषता का वर्णन किया गया है।

श्री गणेश मंगलाष्टकम के 8 श्लोक इस प्रकार हैं:

श्लोक 1:

**एकदन्तं महाकायं लम्बोदरं शुभप्रदम्। विघ्नेश्वरं नमस्तुभ्यं सर्वकार्येषु सर्वदा॥

अर्थ:

एक दांत वाले, बड़े शरीर वाले, लंबे पेट वाले, शुभ फल देने वाले, विघ्नों को दूर करने वाले भगवान गणेश को मैं हमेशा नमन करता हूं।

श्लोक 2:

**वक्रतुण्डं महाकायं सुरप्रियं बुद्धिदायकम्। सर्वविघ्नहरं नमस्तुभ्यं ऋद्धिसिद्धिप्रदायकम्॥

अर्थ:

वक्र दांत वाले, बड़े शरीर वाले, देवताओं के प्रिय, बुद्धि देने वाले, सभी विघ्नों को दूर करने वाले, और ऋद्धि और सिद्धि प्रदान करने वाले भगवान गणेश को मैं नमन करता हूं।

श्लोक 3:

**गजाननं भूतगणादिसेवितं कपिलध्वजं। सर्वमंगलमंगलदायकं नमस्तुभ्यं सिद्धिविनायकम्॥

अर्थ:

गजमुख वाले, भूत और पिशाचों से सेवित, पीले ध्वज वाले, सभी मंगलों को देने वाले, और सिद्धि प्रदान करने वाले भगवान गणेश को मैं नमन करता हूं।

श्लोक 4:

**लंबोदरं शुभदंदनं विघ्नेश्वरं त्रिलोकपते। सर्वाभीष्टफलदायकं नमस्तुभ्यं जगन्नाथम्॥

अर्थ:

लंबे पेट वाले, सुंदर दांत वाले, विघ्नों को दूर करने वाले, तीनों लोकों के स्वामी, और सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाले भगवान गणेश को मैं नमन करता हूं।

श्लोक 5:

**एकदन्तं चतुर्बाहुं गजाननं सुरपूजितम्। मार्कण्डेयप्रवरं तं नमस्तुभ्यं गणनाथम्॥

अर्थ:

एक दांत वाले, चार भुजा वाले, गजमुख वाले, देवताओं द्वारा पूजित, मार्कंडेय ऋषि द्वारा प्रशंसित भगवान गणेश को मैं नमन करता हूं।

श्लोक 6:

**विद्यार्थीप्रियं देवं चतुर्थो वेदमूर्तिम्। चतुर्भुजं गजाननं नमस्तुभ्यं विनायकम्॥

अर्थ:

विद्यार्थियों के प्रिय देवता, चार वेदों के स्वरूप, चार भुजा वाले, गजमुख वाले भगवान गणेश को मैं नमन करता हूं।

श्लोक 7:

**गणेशं ऋषिभि पूजितं सिद्धिप्रदं सदा। एवं स्तुतिं यः पठेत् सर्वसिद्धिमवाप्नुयात्॥

अर्थ:

ऋषियों द्वारा पूजित, हमेशा फल देने वाले भगवान गणेश को, जो कोई भी इस प्रकार स्तुति करता है, वह सभी सिद्धियों को प्राप्त करता है।

श्री गणेश मंगलाष्टकम का महत्व:

श्री गणेश मंगलाष्टकम एक बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र है। इस स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करने से भक्तों को भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

श्री गणेश मंगलाष्टकम के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं:

  • यह स्तोत्र भगवान गणेश की महिमा का वर्णन करता है।
  • यह स्तोत्र 8 श्लोकों का है।
  • इसमें भगवान गणेश के सभी प्रमुख नामों और विशेषताओं का वर्णन किया गया है।
  • यह स्तोत्र सभी भक्तों के लिए पढ़ने योग्य है।

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