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  • Create Date October 8, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

श्रीविघ्नेश्वराष्टोत्तरशतनामास्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान गणेश की 108 नामों की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भगवान गणेश के सभी प्रमुख नामों का उल्लेख करता है।

श्रीविघ्नेश्वराष्टोत्तरशतनामास्तोत्रम् के 108 नाम इस प्रकार हैं:

  • 1. गणेश
  • 2. गजानन
  • 3. एकदन्त
  • 4. विनायक
  • 5. धूम्रवर्ण
  • 6. सिद्धिविनायक
  • 7. रिद्धिविनायक
  • 8. मूषकवाहन
  • 9. ऋद्धिसिद्धिदायक
  • 10. सर्वविघ्नहारक

श्रीविघ्नेश्वराष्टोत्तरशतनामास्तोत्रम् का पाठ करने का तरीका निम्नलिखित है:

  • सबसे पहले, एक स्वच्छ स्थान पर बैठें और भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठें।
  • फिर, अपने हाथों को जोड़ें और भगवान गणेश को प्रणाम करें।
  • अब, स्तोत्र के 108 नामों का उच्चारण करें।
  • आप स्तोत्र का पाठ 108, 1008 या किसी भी अन्य संख्या में कर सकते हैं।
  • अंत में, भगवान गणेश को धन्यवाद दें।

श्रीविघ्नेश्वराष्टोत्तरशतनामास्तोत्रम् के लाभ निम्नलिखित हैं:

  • भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है।
  • सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  • कार्यों में सफलता मिलती है।
  • बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है।
  • शत्रुओं से रक्षा मिलती है।
  • धन और समृद्धि प्राप्त होती है।

श्रीविघ्नेश्वराष्टोत्तरशतनामास्तोत्रम् एक बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को कई प्रकार के लाभ प्रदान कर सकता है। यह स्तोत्र सभी भक्तों के लिए पढ़ने योग्य है।

श्रीविघ्नेश्वराष्टोत्तरशतनामास्तोत्रम् के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं:

  • यह स्तोत्र भगवान गणेश की 108 नामों की महिमा का वर्णन करता है।
  • यह स्तोत्र 108 श्लोकों का है।
  • इसमें भगवान गणेश के सभी प्रमुख नामों का उल्लेख किया गया है।
  • यह स्तोत्र सभी भक्तों के लिए पढ़ने योग्य है।

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