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  • Create Date October 8, 2023
  • Last Updated October 8, 2023

गणेशस्तुति: नरदमुनिना प्रोक्त एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान गणेश की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 10 श्लोकों का है। प्रत्येक श्लोक में, भगवान गणेश की एक विशेषता का वर्णन किया गया है।

गणेशस्तुति: नरदमुनिना प्रोक्त के 10 श्लोक इस प्रकार हैं:

1. नमस्ते गणपतये गजाननाय नमो नमः।

अर्थ: मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे गणेश! हे गजानन! मैं आपको नमस्कार करता हूं।

2. सुरवरपूजिताय सर्वसौभाग्यदायकाय।

अर्थ: देवताओं द्वारा पूजित, सभी सौभाग्यों के दाता को मैं नमस्कार करता हूं।

3. त्रिलोकनायकाय सिद्धिविनायकाय।

अर्थ: तीनों लोकों के स्वामी, सिद्धिविनायक को मैं नमस्कार करता हूं।

4. सर्वज्ञवराधिपतये नमस्ते नमस्ते।

अर्थ: सर्वज्ञ वरों के स्वामी को मैं नमस्कार करता हूं।

5. ऋद्धिसिद्धिप्रदायकाय सर्वकार्यसिद्धिकारकाय।

अर्थ: ऋद्धि और सिद्धि प्रदान करने वाले, सभी कार्यों को सिद्ध करने वाले को मैं नमस्कार करता हूं।

6. विनायकाय नमस्ते नमस्ते विनायकाय।

अर्थ: विनायक को मैं नमस्कार करता हूं।

7. सुखकर्ता दुःखहर्ता त्वमेव शरणं मम।

अर्थ: आप ही सुखकर्ता और दुःखहर्ता हैं। आप ही मेरी शरण हैं।

8. त्वमेव सर्वदेवानां नमस्ते नमस्ते।

अर्थ: आप ही सभी देवताओं के स्वामी हैं। आपको मैं नमस्कार करता हूं।

9. त्वमेव सर्वशास्त्राणां नमस्ते नमस्ते।

अर्थ: आप ही सभी शास्त्रों के स्वामी हैं। आपको मैं नमस्कार करता हूं।

10. त्वमेव सर्वविद्यानां नमस्ते नमस्ते।

अर्थ: आप ही सभी विद्याओं के स्वामी हैं। आपको मैं नमस्कार करता हूं।

गणेशस्तुति: नरदमुनिना प्रोक्त का महत्व:

गणेशस्तुति: नरदमुनिना प्रोक्त एक बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र है। इस स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करने से भक्तों को भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

गणेशस्तुति: नरदमुनिना प्रोक्त का कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं:

  • यह स्तोत्र भगवान गणेश की महिमा का वर्णन करता है।
  • यह स्तोत्र 10 श्लोकों का है।
  • इसमें भगवान गणेश के सभी प्रमुख नामों और विशेषताओं का वर्णन किया गया है।
  • यह स्तोत्र सभी भक्तों के लिए पढ़ने योग्य है।

गणेशस्तुति: नरदमुनिना प्रोक्त का सार:

गणेशस्तुति: नरदमुनिना प्रोक्त में, भगवान गणेश को एक शक्तिशाली देवता के रूप में चित्रित किया गया है जो सभी प्रकार के कष्टों को दूर कर सकता है। यह स्तोत्र भक्तों को आशा और शक्ति प्रदान करता है।

गणेशस्तुति: नरदमुनिना प्रोक्त का पाठ करने का तरीका:

गणेशस्तुति: नरदमुनिना प्रोक्त का पाठ करना बहुत ही सरल है। बस, आपको इन 10 श्लोकों को ध्यान से पढ़ना है और भगवान गणेश के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करनी है। आप इस स्तोत्र का पाठ किसी भी समय और किसी भी स्थान पर कर सकते हैं।

गणेशस्तुति: नरदमुनिना प्रोक्त के लाभ:

गणेशस्तुति: नरदमुनिना प्रोक्त का पाठ करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:

  • भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है।

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