नवरात्री का त्योहार हिन्दू धर्म में मां दुर्गा की पूजा और आराधना के रूप में मनाया जाता है। यह पूजा नौ दिनों तक चलती है और इसके दौरान नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिनका नाम है – शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री। नवरात्रि की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधियाँ हैं:
पूजा सामग्री
- मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर
- कलश
- गंगाजल
- फूल
- अक्षत
- रोली
- मौली
- धूप
- दीप
- प्रसाद
- अन्य सामग्री (आवश्यकतानुसार)
पूजा विधि
- सबसे पहले, पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल से पवित्र करें।
- फिर, कलश को स्थापित करें। कलश में गंगाजल, चावल, चंदन, हल्दी, कुमकुम, मौली, पान के पत्ते, सुपारी, नारियल, और कुछ सिक्के डालें।
- फिर, मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें।
- इसके बाद, मां दुर्गा को गंगाजल, फूल, अक्षत, रोली, मौली, धूप, और दीप से पूजें।
- फिर, मां दुर्गा की आरती करें।
- अंत में, मां दुर्गा से प्रार्थना करें।
नवरात्रि के दौरान व्रत
नवरात्रि के दौरान, कई लोग व्रत रखते हैं। व्रत रखने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। नवरात्रि के दौरान व्रत रखने के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए:
- सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
- साफ कपड़े पहनें।
- मां दुर्गा की पूजा करें।
- दिन भर उपवास रखें।
- शाम को मां दुर्गा की आरती करें।
- प्रसाद ग्रहण करें।
नवरात्रि के दौरान अन्य अनुष्ठान
नवरात्रि के दौरान, कई अन्य अनुष्ठान भी किए जाते हैं, जैसे कि:
- भजन-कीर्तन
- दुर्गा सप्तशती का पाठ
- कन्या पूजन
- हवन
- पूजा सामग्री की तैयारी: सबसे पहले, नवरात्रि की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री तैयार करें। इसमें मां दुर्गा की मूर्ति, चौकी, फूल, दीपक, नैवेद्य (मिठाई, फल, और प्रसाद), अगरबत्ती, कपड़े, रोली, चावल, धूप, गंध, गोमुत्र, और सिन्दूर शामिल हो सकते हैं।
- आराधना का आयोजन: अपने पूजा स्थल को सजाकर मां दुर्गा की मूर्ति को स्थापित करें। इसके बाद, दीपक जलाकर और धूप-धूपबत्ती जलाकर मां दुर्गा का स्वागत करें।
- कलश स्थापना: नवरात्रि के दौरान, कलश का आयोजन भी किया जाता है। एक कलश को गंगा जल से भरकर अपने पूजा स्थल पर स्थापित करें।
- पूजा का आयोजन: दिन-रात मां दुर्गा की पूजा करें। हर दिन, नौ रूपों की पूजा करें, जिसमें उनकी मूर्तियों को सजाकर पूजा किया जाता है। मन्त्र जप करें और भगवान की आराधना करें।
- भजन-कीर्तन: नवरात्रि के दौरान, भजन और कीर्तन का आयोजन भी करें। लोग मां दुर्गा के भजन गाते हैं और उनकी महिमा की महिमा गाते हैं।
- कथा और व्रत: नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की कथा सुनें और व्रत रखें। कुछ लोग नवरात्रि के दौरान निराहार व्रत भी रखते हैं, जिसमें उन्हें केवल फल और दूध पीने की अनुमति होती है।
- नैवेद्य और प्रसाद: हर दिन पूजा के बाद मां दुर्गा को नैवेद्य और प्रसाद चढ़ाएं और फिर उसे खुद खाएं और अपने परिवार के सदस्यों को भी खिलाएं।
- नवमी का हवन: नवरात्रि के आखिरी दिन, यानी नवमी को, एक हवन का आयोजन NAVRATRI 2023 PUJA VIDHI