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  • Create Date October 4, 2023
  • Last Updated October 4, 2023

श्रीहनुमद्ष्टादशक्षर मंत्र का पाठ करने की विधि निम्नलिखित है:

  1. सबसे पहले, एक स्वच्छ स्थान पर एक आसन बिछाकर बैठ जाएं।
  2. अपने सामने एक दीपक जलाएं और भगवान हनुमान की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  3. हाथ में जल लेकर भगवान हनुमान को प्रणाम करें।
  4. अब, श्रीहनुमद्ष्टादशक्षर मंत्र का पाठ शुरू करें।
  5. मंत्र का पाठ कम से कम 108 बार करें।
  6. अंत में, भगवान हनुमान से अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने की प्रार्थना करें।

श्रीहनुमद्ष्टादशक्षर मंत्र का पाठ करने के लिए किसी विशेष समय या स्थान की आवश्यकता नहीं होती है। इसे किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है। हालांकि, हनुमान जी की पूजा के लिए विशेष अवसरों पर, जैसे कि हनुमान जयंती, मंगलवार और शनिवार को इस मंत्र का पाठ करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।

श्रीहनुमद्ष्टादशक्षर मंत्र का पाठ करते समय, भक्तों को भगवान हनुमान के प्रति श्रद्धा और भक्ति के साथ पाठ करना चाहिए। उन्हें भगवान हनुमान से अपने जीवन में आने वाले सभी संकटों को दूर करने और उन्हें सुख और समृद्धि प्रदान करने की प्रार्थना करनी चाहिए।

श्रीहनुमद्ष्टादशक्षर मंत्र का पाठ करने से भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों को निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।
  • जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
  • रोग और पीड़ा से छुटकारा मिलता है।
  • बुरी आत्माओं से रक्षा होती है।
  • मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

श्रीहनुमद्ष्टादशक्षर मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो भक्तों को भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।

श्रीहनुमद्ष्टादशक्षर मंत्र का पाठ इस प्रकार है:

ऊँ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्

मंत्र का अर्थ है:

हे हनुमान! आप रुद्र का अवतार हैं। मैं आपको नमस्कार करता हूं। हे हनुमान! मुझे सभी संकटों से बचाएं और मुझे सुख और समृद्धि प्रदान करें।


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