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  • Create Date October 3, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

श्रीवेंकटेश्वर कवचस्तोत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो भगवान वेंकटेश्वर की कृपा प्राप्त करता है। यह एक स्तोत्र है जो भगवान वेंकटेश्वर के स्वरूप और शक्तियों का वर्णन करता है।

श्रीवेंकटेश्वर कवचस्तोत्र का पाठ करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • भगवान वेंकटेश्वर की कृपा प्राप्त होती है।
  • सभी प्रकार के भय और खतरों से सुरक्षा प्राप्त होती है।
  • रोगों और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  • मानसिक और शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है।
  • सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

श्रीवेंकटेश्वर कवचस्तोत्र का पाठ करने के लिए किसी विशेष समय या स्थान की आवश्यकता नहीं होती है। इसे किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है।

श्रीवेंकटेश्वर कवचस्तोत्र का पाठ करने की विधि निम्नलिखित है:

  1. सबसे पहले, एक स्वच्छ स्थान पर बैठें और अपने सामने एक दीपक जलाएं।
  2. फिर, भगवान वेंकटेश्वर के नामों का उच्चारण करें।
  3. अब, भगवान वेंकटेश्वर के स्वरूप और शक्तियों का वर्णन करते हुए कवच का पाठ करें।
  4. अंत में, भगवान वेंकटेश्वर से अपनी रक्षा करने की प्रार्थना करें।

श्रीवेंकटेश्वर कवचस्तोत्र का पाठ करने से सभी प्रकार के भय और खतरों से सुरक्षा प्राप्त होती है। यह एक बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है जो भगवान वेंकटेश्वर की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।

श्रीवेंकटेश्वर कवचस्तोत्र का पाठ करने के लिए निम्नलिखित मंत्र का उपयोग किया जाता है:

ॐ नमो भगवते श्रीवेंकटेश्वराय नमः

अथ श्रीवेंकटेश्वर कवचस्तोत्रम्

श्रीनिवासं जगतां नाथं श्रीपतिं पापनाशनं श्रीवल्लभाङ्गि निवासिनं श्रीवेंकटेश्वरं भजे

अष्टांग षड्कोटि विद्या सर्वसंपदां दायिनम् अग्निनेत्रं भुजङ्गायुक्तं श्रीवेंकटेश्वरं भजे

गदापाणिं त्रिशूलधारिणं चतुर्भुजं शुभ्रवर्णम् चन्द्रसूर्याग्निलोचनां श्रीवेंकटेश्वरं भजे

लक्ष्मीनिवासं सुरेशं दक्षिणामूर्तिं नमाम्यहम् वरदाभयं दधानं श्रीवेंकटेश्वरं भजे

सर्वव्याधि हरनं विष्णुं सुरासुर भक्तवत्सलम् अष्टांग षड्कोटि विद्या श्रीवेंकटेश्वरं भजे

॥ इति श्रीवेंकटेश्वर कवचस्तोत्रम् ॥

इस मंत्र का अर्थ है:

  • हे भगवान वेंकटेश्वर,

  • मैं आपको नमन करता हूं।

  • हे जगतां नाथ,

  • हे पापनाशन,

  • हे श्रीवल्लभाङ्गि के निवासी,

  • मैं आपको भजता हूं।

  • हे अष्टांग षड्कोटि विद्या के स्वामी,

  • हे सर्वसंपदाओं के दाता,

  • हे अग्नि नेत्र वाले,

  • हे भुजङ्गायुक्त,

  • मैं आपको भजता हूं।

  • हे गदाधारी,

  • हे त्रिशूलधारी,

  • हे चतुर्भुज,

  • हे शुभ्रवर्ण वाले,

  • हे चंद्र, सूर्य और अग्नि नेत्र वाले,

  • मैं आपको भजता हूं।

  • हे लक्ष्मी के निवासी,

  • हे सुरेश,

  • हे दक्षिणामूर्ति,

  • मैं आपको नमस्कार करता हूं।

  • हे वर और अभय प्रदान करने वाले,

  • हे सर्वव्याधि हरने वाले,

  • हे विष्णु,

  • हे सुर और असुरों के भक्तवत्सल,

  • हे अष्टांग षड्कोटि विद्या के स्वामी,

  • मैं आपको भजता हूं।

श्रीवेंकटेश्वर कवचस्तोत्र एक बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है जो भगवान वेंकटेश्वर की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।


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