1. वनवास के समय भगवान राम 27 साल के थे।
2. लव और कुश राम तथा सीता के दो जुड़वां बेटे थे।
3. राम-रावण युद्ध के समय इंद्र देवता ने भगवान श्री राम के लिए दिव्य रथ भेजा था।
4. भगवान श्री राम ने पृथ्वी पर 10 हजार से भी अधिक वर्षों तक राज किया।
5. भगवान राम का जन्म चैत्र नवमी में हुआ था जिसको भारतवर्ष में रामनवमी के रूप में मनाया जाता है।
6. भगवान राम ने रावण को मारने के बाद रावण के ही छोटे भाई विभीषण को लंका का राजा बना दिया था।
7. गौतम ऋषि ने अपनी पत्नी अहिल्या को पत्थर बनने का श्राप दिया था और इस श्राप से भगवान राम ने ही उन्हें मुक्ति दिलाई थी।
8. अरण्य नाम के एक राजा ने रावण को श्राप दिया था कि मेरे वंश से उत्पन्न युवक तेरी मृत्यु का कारण बनेगा और भगवान राम इन्ही के वंश में जन्मे थे।
9. माता सीता को रावण की कैद से आजाद कराने के लिए रास्ते में पड़े समुद्र को पार करने के लिए भगवान राम ने एकादशी का व्रत किया था।
10. वनवास वापसी के बाद भगवान राम के अयोध्या वापसी की खुशी में अयोध्यावासियों ने दीप जलाए थे तब से दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।
1. रामायण में कुल श्लोक
रामायण महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गयी थी जिसमे कुल 7 कांड लिखे गए है। इन 7 कांडो में 500 उपखण्ड तथा कुल 24000 श्लोक है। रामायण में भगवान विष्णु के राम अवतार के जन्म से लेकर उनके वापस नारायण रूप में लौटने तक की कहानी लिखी गयी थी।
2. राम की बहन
रामायण के सभी पत्रों से अलग एक ऐसा पात्र भी था जिसका जिक्र किसी ने शायद ही किया हो। और वह पात्र है राजा दशरथ की एक पूरी जोकि राम की बड़ी बहन थी। उनका नाम शांता था और उनको राम की माता कौशल्या ने ही जन्म दिया था। शांता अपने चारो भाइयो से उम्र में काफी बड़ी थी।
3. गायत्री मंत्र
रामायण ग्रन्थ में लिखे गए 24 हजार श्लोक में हर 1000 श्लोक का पहला अक्षर को लिखा जाये तो यह गायत्री मन्त्र बन जाता है।
4. सीता स्वयंवर का वर्णन
महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित ‘रामायण’ में सीता स्वयंवर का कोई भी वर्णन नहीं मिलता है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित ‘रामायण’ के अनुसार भगवान श्री राम व लक्ष्मण ऋषि विश्वामित्र के साथ मिथिला पहुंचे, तब विश्वामित्र ने ही राजा जनक से श्रीराम को वह शिवधनुष दिखाने के लिए कहा और प्रत्यंचा चढ़ाते समय वह टूट गया। इससे प्रभावित होकर जनक ने देवी सीता का विवाह श्री राम से करने का विचार किया।
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5. पिनाक धनुष
रामायण में सीता स्वयंवर में जिस धनुष को उठाने की शर्त रखी गयी थी वह महादेव द्वारा निर्मित पिनाक धनुष था। पिनाक धनुष का निर्माण भगवान शिव ने स्वयं किया था ।भगवान शिव ने इसी पिनाक धनुष से ताड़कासुर नामक असुर के तीनों पुत्रों को उनके पुरों सहित एक ही बाण से नष्ट कर दिया था। भगवान शिव ने इस धनुष को देवताओं का काल समाप्त होने पर देव रात को सौंप दिया था। देवराज राजा जनक के पूर्वज थे।
6. हनुमान जी के गुरु
यह माना जाता है की शबरी जिसने श्री राम को अपने झूठे बेर खिलाये थे उनके गुरु मतंग मुनि जी हनुमान जी के भी गुरु थे। ऋषि मतंग जी ने शबरी को पहले ही बता दिया था की एक दिन श्रीराम अपनी पत्नी को ढूंढ़ते हुए उनके आश्रम में आएंगे और आगे क्या होगा यह भी उन्होंने शबरी को पहले ही बता दिया था।
7. रामायण में सभी अवतार
रामायण में विष्णु श्री राम का अवतार लेकर आये थे तथा देवी लक्ष्मी सीता बनकर आई थी। वही उनके इस अवतार का साथ देने के लिए शेषनाग लक्षमण जी का अवतार लेकर आये थे। भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र भरत का अवतार लेकर आया था तथा शंख शैल शत्रुघन अवतार थे।
8. दंडकारण्य वन
श्री राम लक्षमण और माता सीता ने 14 वर्ष का वनवास का अधिकतर समय जिस स्थान पर बिताया था वह वन दंडकारण्य नाम से जाना जाता है। यह वन बहुत बड़ा है जोकि 35600 वर्गमील में फैला हुआ है।
9. एकादशी का व्रत
जब श्री राम सुग्रीव की सेना को लेकर समुन्द्र तट पर पहुंचे तो अथाह समुन्द्र उनके सामने था। प्रश्न यह था की उसे पार करके लंका तक इतनी बड़ी सेना कैसे लेकर पहुंचा जाए। इसके लिए श्री राम ने समंदर से रास्ता मांगने के लिए समुन्द्र की आराधना की और एकादशी का का व्रत किया था।
10. श्री राम की आयु
यह माना गया है की विवाह के समय श्री राम की आयु लगभग 16 वर्ष की थी।