सावन का महीना शिवजी की अराधना के लिए समर्पित होता है. इस बार अधिकमास पड़ने के कारण सावन एक नहीं बल्कि दो महीने का होगा. सावन 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त 2023 को समाप्त होगा. सावन का महीना भगवान शिवजी का प्रिय महीना है और इस पूरे महीने भगवान शिव जी पूजा-अराधना की जाती है और व्रत रखे जाते हैं. लेकिन शिव भक्तों के लिए इस साल सावन का महीना बहुत खास रहने वाला है, जिसमें शिवजी की दोगुनी कृपा बरसेगी. दरअसल इस साल अधिकमास पड़ने के कारण सावन एक नहीं बल्कि दो महीने का होगा और 8 सावन सोमवार के व्रत रखे जाएंगे. ऐसा दुर्लभ संयोग पूरे 19 साल बाद बना हैं जिसमें, सावन पूरे 59 दिनों का होगा. जानते हैं सावन महीने से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें.
इस साल क्यों खास रहेगा सावन
इस साल सावन महीने की शुरुआत 04 जुलाई से होगी और 31 अगस्त को इसकी समाप्ति होती है. सावन महीने में इस साल पूरे 59 दिनों तक भगवान शिव की उपासना की जाएगी. बता दें कि, अधिकमास लगने के कारण इस साल सावन दो महीने का होगा. इसमें अधिकमास की अवधि 18 जुलाई से 16 जुलाई तक होगी.
सावन महीने का आखिर इतना महत्व क्यों
सावन वह महीना होता है, जिसमें शिवभक्त भगवान की भक्ति में रम जाते हैं. सावन में पूरे महीने शिवालयों में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है. मान्यता है कि सावन में किए गए पूजा-व्रत से शीघ्र फल की प्राप्ति होती है और भगवान अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. खासकर सावन में पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व होता है.
सावन 2023 में कितने सोमवार और कब
सावन का पहला सोमवार: 10 जुलाई
सावन का दूसरा सोमवार: 17 जुलाई
सावन का तीसरा सोमवार: 24 जुलाई (अधिकमास)
सावन का चौथा सोमवार: 31 जुलाई (अधिकमास)
सावन का पांचवा सोमवार: 7 अगस्त (अधिकमास)
सावन का छठवां सोमवार: 14 अगस्त (अधिकमास)
सावन का सातवां सोमवार: 21 अगस्त
सावन का आठवां सोमवार: 28 अगस्त
शिवजी को क्यों प्रिय है सावन का महीना?
सावन को शिवजी का प्रिय महीना कहा जाता है. इसे लेकर ऐसी पौराणिक और धार्मिक मान्यता है कि, दक्ष पुत्री माता सती ने अपने जीवन को त्याग कर कई हजार वर्षों तक श्रापित जीवन व्यतीत किया. इसके बाद उनका जन्म हिमालय राज के घर माता पार्वती के रूप में हुआ. माता पार्वती ने भोलेनाथ को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए सावन में कठोर तप किए. इसके बाद भगवान शिव माता पार्वती से प्रसन्न हुए और पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया.
इसके साथ ही एक मान्यता यह भी है कि, सावन में भगवान शिव कैलाश छोड़कर धरती पर निवास करते हैं. सावन में शिवजी धरती पर आककर सृष्टि का संचालन करते हैं. इन्हीं कारणों से सावन माह का महत्व और भी बढ़ जाता है.
सावन माह 2023 व्रत-त्योहारों की सूची
दिनांक | दिन | व्रत-त्योहार |
4 जुलाई | मंगलवार | सावन मास आरंभ, पहला मंगला गौरी व्रत |
6 जुलाई | गुरुवार | संकष्टी चतुर्थी |
11 जुलाई | मंगलवार | दूसरा मंगला गौरी व्रत |
13 जुलाई | गुरुवार | कामिका एकादशी |
14 जुलाई | शुक्रवार | प्रदोष व्रत |
15 जुलाई | शनिवार | मासिक शिवरात्रि |
16 जुलाई | रविवार | कर्क संक्रांति |
17 जुलाई | सोमवार | सावन मास अमावस्या |
18 जुलाई | मंगलवार | तीसरा मंगला गौरी व्रत (अधिकमास) |
25 जुलाई | मंगलवार | चौथा मंगला गौरी व्रत (अधिकमास) |
29 जुलाई | शनिवार | पद्मिनी एकादशी |
30 जुलाई | रविवार | प्रदोष व्रत |
1 अगस्त | मंगलवार | पूर्णिमा व्रत,पांचवा मंगला गौरी व्रत (अधिकमास) |
4 अगस्त | शुक्रवार | संकष्टी चतुर्थी |
8 अगस्त | मंगलवार | छठा मंगला गौरी व्रत (अधिकमास) |
12 अगस्त | शनिवार | परम एकादशी |
13 अगस्त | रविवार | प्रदोष व्रत |
14 अगस्त | सोमवार | मासिक शिवरात्रि |
15 अगस्त | मंगलवार | सातवां मंगला गौरी व्रत (अधिकमास), स्वतंत्रता दिवस |
16 अगस्त | बुधवार | अमावस्या |
17 अगस्त | गुरुवार | सिंह संक्रांति,हरियाली तीज |
21 अगस्त | सोमवार | नाग पंचमी |
22 अगस्त | मंगलवार | आठवां मंगला गौरी व्रत |
27 अगस्त | रविवार | श्रावण पुत्रदा एकादशी |
28 अगस्त | सोमवार | प्रदोष व्रत |
29 अगस्त | मंगलवार | ओणम/थिरुवोणम, नौवां मंगला गौरी व्रत |
30 अगस्त | बुधवार | रक्षा बंधन |
31 अगस्त | गुरुवार | श्रावण पूर्णिमा |