सत्यनारायण की कथा आमतौर पर सुबह और शाम दोनों समय की जाती है। लेकिन शाम के समय कथा करना काफी शुभ माना जाता है। क्योंकि कई बार पंचांग के अनुसार तिथि सुबह ही समाप्त हो जाती है। ऐसे में नए मास की शुरुआत में सत्यनारायण की कथा कराने के बजाय शाम के समय करना अच्छा होता है।
2023 पंचांग के अनुसार हर मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान विष्णु के अवतार सत्यनारायण की पूजा और कथा करने का विधान है। इस साल में हर मास में सत्यनारायण कथा करने के शुभ मुहूर्त बन रहे हैं।
हिंदू धर्म में भगवान सत्यनारायण का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों में से एक भगवान सत्यनारायण माना जाता है। इस रूप में भगवान को सत्य का अवतार माना गया है। सत्यनारायण पूजा सदियों से ऐसे ही चली आ रही है। परिवार में सुख-समृद्धि, अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए सत्यनारायण कथा की जाती है। पंचांग के अनुसार, सत्यनारायण की कथा किसी भी मास की शुक्ल पक्ष में पूर्णिमा तिथि को जाती है। जानिए साल 2023 में कब-कब करना सकते हैं सत्यनारायण की कथा।
सत्यनारायण की कथा आमतौर पर सुबह और शाम दोनों समय की जाती है। लेकिन शाम के समय कथा करना काफी शुभ माना जाता है। क्योंकि कई बार पंचांग के अनुसार तिथि सुबह ही समाप्त हो जाती है। ऐसे में नए मास की शुरुआत में सत्यनारायण की कथा कराने के बजाय शाम के समय करना अच्छा होता है।
साल 2023 में सत्यनारायण पूजा-व्रत के लिए तिथि और मुहूर्त की सूची
6 जनवरी 2023, शुक्रवार- पौष पूर्णिमा
प्रारंभ – 6 जनवरी को सुबह 02 बजकर 14 मिनट से
समाप्त – 7 जनवरी सुबह 04 बजकर 37 मिनट तक
5 फरवरी 2023 रविवार- माघ पूर्णिमा
प्रारंभ – 4 फरवरी को रात 09 बजकर 29 मिनट से शुरू
समाप्त – 5 फरवरी को रात 11 बजकर 58 मिनट तक
7 मार्च 2023 मंगलवार- फाल्गुन पूर्णिमा
प्रारंभ – 6 मार्च को शाम 04 बजकर 17 मिनट से शुरू
समाप्त -7 मार्च को शाम 06 बजकर 09 मिनट तक
5 अप्रैल 2023 बुधवार- चैत्र पूर्णिमा
प्रारंभ – 5 अप्रैल को सुबह 09 बजकर 19 मिनट से
समाप्त – 6 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 04 मिनट तक
5 मई 2023 शुक्रवार- वैशाख पूर्णिमा
प्रारंभ – 04 मई को रात 11 बजकर 44 मिनट से
समाप्त – 5 मई को रात 11 बजकर 03 मिनट तक
3 जून 2023 शनिवार- ज्येष्ठ पूर्णिमा
प्रारंभ – 3 जून को को रात 11 बजकर 16 मिनट से शुरू
समाप्त – 4 जून को रात 09 बजकर 11 मिनट तक
3 जुलाई 2023 सोमवार- आषाढ़ पूर्णिमा
प्रारंभ – 2 जुलाई को रात 08 बजकर 21 मिनट से शुरू
समाप्त – 3 जुलाई को शाम 05 बजकर 08 मिनट पर समाप्त
1 अगस्त 2023, मंगलवार – श्रावण पूर्णिमा
प्रारंभ – 1 अगस्त को सुबह 3 बजकर 51 मिनट से
समाप्त – 2 जुलाई को सुबह 12 बजकर 1 मिनट तक
30 अगस्त 2023 बुधवार- श्रावण पूर्णिमा
प्रारंभ – 30 अगस्त को रात 10 बजकर 58 मिनट से शुरू
समाप्त – 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट में समाप्त
29 सितंबर 2023 शुक्रवार- भाद्रपद पूर्णिमा
प्रारंभ – 28 सितंबर को शाम 06 बजकर 49 मिनट पर शुरू
समाप्त – 29 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट तक
28 अक्टूबर 2023 शनिवार- अश्विन पूर्णिमा
प्रारंभ – 28 अक्टूबर को सुबह 04 बजकर 17 मिनट तक
समाप्त – 29 अक्टूबर को सुबह 01 बजकर 53 मिनट तक
27 नवंबर 2023 सोमवार- कार्तिक पूर्णिमा
प्रारंभ – 26 नवंबर को दोपहर 03 बजकर 53 मिनट से
समाप्त – 27 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 45 मिनट तक
26 दिसंबर 2023 मंगलवार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा
प्रारंभ – 26 दिसंबर को सुबह 05 बजकर 46 मिनट से शुरू
समाप्त – 27 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 02 मिनट तक