हिंदी कैलेंडर के अनुसार साल का दूसरा माह यानि वैशाख का महीना शुरू हो गया है. इस माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन कालाष्टमी व्रत रखा जाता है. इस व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इस दिन काल भैरव का पूजन किया जाता है. काल भैरव को रुद्रावतार कहा जाता है और तंत्र-मंत्र का देवता माना जाता है. कहते हैं कि इनका पूजन करने से व्यक्ति को सिद्धि प्राप्त होती है और कई प्रकार के भय भी दूर होते हैं. कालाष्टमी के दिन लोग व्रत-उपवास रखते हैं और विधि-विधान के साथ काल भैरव का पूजन करते हैं. आइए जानते हैं इस बार कब है कालाष्टमी व्रत और शुभ मुहूर्त.
कालाष्टमी व्रत 2023 कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन कालाष्टमी व्रत रखा जाता है. इस बार यह तिथि 13 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 14 अप्रैल को 1 बजकर 34 मिनट पर होगा. काल भैरव का पूजन निशिता मुहूर्त में किया जाता है और अष्टमी तिथि में निशिता मुहूर्त 13 अप्रैल को है. इसलिए 13 अप्रैल को कालाष्टमी व्रत रखा जाएगा.
कालाष्टमी व्रत 2023 शुभ मुहूर्त
कालाष्टमी व्रत के दिन निशिता मुहूर्त में पूजन किया जाता है. निशिता मुहूर्त 13 अ्रप्रैल को रात 11 बजकर 59 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. काल भैरव की पूजा के लिए यह शुभ मुहूर्त हैं. इसके अलावा आप दिन में किसी भी समय कालाष्टमी पूजन कर सकते हैं.
कालाष्टमी व्रत का महत्व
काल भैरव को भगवान शिव का रौद्र रूप माना जाता है.वह समस्त पापों और रोगों का नाश करने वाले हैं.हिंदू शास्त्रों के अनुसार कालाष्टमी के दिन श्रद्धापूर्वक वर्त रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है.इस दिन व्रत रखकर कुंडली में मौजूद राहु के दोष से भी मुक्ति मिलती है
कालाष्टमी पूजा विधि
इस दिन भैरव चालीसा का पाठ करना चाहिए. कालाष्टमी के पावन दिन पर कुत्ते को भोजन कराना चाहिए. ऐसा करने से भैरव बाबा प्रसन्न होते हैं और सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं भैरव बाबा का वाहन कुत्ता होता हैं इसलिए इस दिन कुत्ते को भोजन कराने से विशेष फल की प्राप्ति भक्तों को होती हैं.