Kannada Hanuman Jayanti 2025 Date And Puja Vidhi: दक्षिण भारत में हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा। वहीं तमिलनाडु में हनुमान जयंती मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को मनाई जाएगी। हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान हनुमान की बहुत प्रासंगिकता है और हनुमान जयंती पूरे देश में बहुत धूमधाम और भव्यता के साथ मनाई जाती है। भक्तों का मानना है कि भक्ति और समर्पण के साथ देवता की पूजा करने से उनके दुख और दर्द दूर हो जाते हैं और उनके स्थान पर उत्साह, साहस और बहादुरी आ जाती है। दक्षिण भारत में, मुख्य रूप से तमिलनाडु में हनुमान जयंती को हनुमत जयंती के रूप में मनाया जाता है।
Kannada Hanuman Jayanti 2025 Date And Puja Vidhi: इसके साथ ही मार्गशीर्ष माह के शुक्ल की त्रयोदशी तिथि है। इसके चलते आज कर्नाटक में हनुमान जयंती मनाई जाएगी। वहीं, तमिल में हनुमान जयंती मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को पड़ेगी। Hanuman Jayanti इस कारण आज के दिन हनुमान जी का पूजन बेहद ही फलदायक रहेगा। वहीं, मार्गशीर्ष माह की अमावस्या पर तमिल में हनुमान जयंती मनाई जाएगी।
क्या है तमिल हनुमान जयंती की डेट:What is the date of Tamil Hanuman Jayanti?
उत्तर भारत में चैत्र माह की पूर्णिमा को भगवान हनुमान का जन्मदिन मनाया जाता है। वहीं, दक्षिण भारत में मार्गशीर्ष माह की त्रयोदशी और अमावस्या को मनाया जाता है। अब मार्गशीर्ष माह के शु्क्ल पक्ष की त्रयोदशी तो 3 दिसंबर को है, लेकिन मार्गशीर्ष माह की अमावस्या 19 दिसंबर को होगी।
दरअसल दक्षिण भारत में पहले शुक्ल पक्ष आता है और फिर कृष्ण पक्ष आता है। ऐसे में उत्तर भारत में पौष माह के कृष्ण पक्ष की जब अमावस्या होगी, तब वहां मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि होगी। दक्षिण भारत का कैलेंडर उत्तर भारत के कैलेंडर से 15 दिन पीछे रहता है।
तमिल कैलेंडर में मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को हनुमान जयंती मनाते हैं और यह 2025 में 19 दिसंबर को पड़ रही है। इस दिन विशेष अभिषेक, वेनाई काप्पू और वडई माला चढ़ाई जाती है।
Tamil Hanuman Jayanti 2025 Date And Time:कन्नड़ और तमिल हनुमान जयंती कब है,जानें….
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अलग-अलग तिथियों पर मनाई जाती है हनुमान जयंती:Hanuman Jayanti is celebrated on different dates
हनुमान जयंती साल में चार बार विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तिथियों पर मनाई जाती है। उत्तर भारत में चैत्र पूर्णिमा पर, आंध्र-तेलंगाना में ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष दशमी पर, लेकिन दक्षिण में ये मार्गशीर्ष में मनाई जाती है।
हनुमान जयंती का क्या है महत्व:What is the significance of Hanuman Jayanti?
ऐसा माना जाता है कि भगवान हनुमान का जन्म मार्गशीर्ष अमावस्या के दौरान हुआ था जब मूलम नक्षत्र प्रबल था। अधिकांश वर्ष मार्गशीर्ष अमावस्या मूलम नक्षत्र के साथ मेल खाती है। जिन वर्षों में मार्गशीर्ष अमावस्या मूलम नक्षत्र के साथ मेल नहीं खाती है, तो उत्सव की तारीख निर्धारित करने के लिए अमावस्या के दिन को प्राथमिकता दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान हनुमान का जन्म सूर्योदय के दौरान हुआ था – इसलिए, मंदिरों में आध्यात्मिक प्रवचन शुरू होते हैं जो भोर में शुरू होते हैं और सूर्योदय के बाद समाप्त होते हैं।
हनुमान जी रामभक्त और संकटमोचन हैं। प्रभु का पूजन भय, नकारात्मक ऊर्जा और असफलता से मुक्ति दिलाता है।। कन्नड़ परंपरा में यह व्रत ‘हनुमान व्रतम’ कहलाता है, जो साहस, सफलता और बाधा निवारण के लिए रखा जाता है। आज के दिन हनुमान जी की उपासना से जीवन में स्थिरता आती है और हर काम आसान हो जाता है।
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कन्नड़ हनुमान जयंती पूजा विधि:Kannada Hanuman Jayanti Puja Method
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें। घर के बाहर रंगोली बनाएं। शुभ मुहूर्त में हनुमान जी की मूर्ति या फोटो स्थापित करें। सिंदूर, रोली, अक्षत, चंदन और फूल चढ़ाएं। माला अवश्य चढ़ाएं। धूप जलाकर हनुमान चालीसा और बजरंग बान का पाठ करें। हनुमान मंत्रों का जप करें। भोग में लड्डू, बेसन के लड्डू या फल चढ़ाएं। आरती करें और भूल-चूक के लिए क्षमा मांगें। व्रत शाम तक रखें या फलाहार करें। इसके साथ ही
हनुमान जी के ॐ हं हनुमते नमः और ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा मंत्रों का जाप करें।




