Masik Shivratri 2025:इस बार मासिक शिवरात्रि दुर्लभ संयोग में मनाई जाने वाली है। शिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और इंद्र योग बनने जा रहे हैं।
Masik Shivratri 2025:शिवरात्रि व्रत साल मे 12/13 बार आने वाला मासिक व्रत का त्यौहार है, अतः इस व्रत को मासिक शिवरात्रि भी कहा जाता है। जोकि अमावस्या से पहिले कृष्णपक्ष की चतुर्दशी के दिन आता है। Masik Shivratri 2025 मासिक शिवरात्रियों में से दो सबसे अधिक प्रसिद्ध हैं, फाल्गुन त्रियोदशी महा शिवरात्रि के नाम से प्रसिद्ध है और दूसरी सावन शिवरात्रि के नाम से जानी जाती है। यह त्यौहार भगवान शिव-पार्वती को समर्पित है, इस दिन भक्तभगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते हैं।
यह लोकप्रिय हिंदू व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। कोई भी व्रत या पूजा तभी उत्तम फल देती है जब उसे सही विधि से किया जाता है। तो आइए जानते हैं क्या है Masik Shivratri 2025 मासिक शिवरात्रि व्रत करने की सही विधि और अनुष्ठान।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान शिव और माता पार्वती जी की पूजा-अर्चना की जाती है। चैत्र माह की शुरुआत हो चुकी है। Masik Shivratri 2025 ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस माह में मासिक शिवरात्रि कब मनाई जाएगी और इसका पूजा मुहूर्त क्या रहने वाला है।
मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Puja Muhurat)
Masik Shivratri 2025:पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 27 मार्च को रात 11 बजकर 03 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 28 मार्च को शाम 07 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि का व्रत गुरवार, 27 मार्च 2025 को किया जाएगा। मासिक शिवरात्रि की पूजा मध्य रात्रि में की जाती है। इसलिए इस दिन शिव जी की पूजा का मुहूर्त इस प्रकार रहेगा –
मासिक शिवरात्रि पूजा मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 03 से 28 मार्च 12 बजकर 49 मिनट तक
शिव जी की पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवितृ हो जाएं।
मंदिर की साफ-सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करें।
एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर शिव जी और पार्वती माता की मूर्ति स्थापित करें।
कच्चे दूध, गंगाजल, और शुद्ध जल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
शिव जी को बेलपत्र, धतूरा, और भांग आदि अर्पित करें।
भगवान शिव को मखाने की खीर, फल, हलवा या फिर चावल की खीर का भोग लगाएं।
साथ ही माता पार्वती को 16 शृंगार की सामग्री अर्पित करें।
दीपक जलाकर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
शिव चालीसा और शिव जी के मंत्रों का जप करें।
अंत में सभी लोगों में पूजा का प्रसाद बांटें।
शिव जी के मंत्र –
शिव मूल मंत्र – ॐ नमः शिवाय॥
भगवान शिव का गायत्री मंत्र – ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
महामृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
ध्यान मंत्र – करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा। श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधं। विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व। जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥
रुद्र मंत्र – ॐ नमो भगवते रुद्राये।।
शीघ्र विवाह के लिए मंत्र –
ओम कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।नंदगोपसुतम् देवि पतिम् मे कुरुते नम:॥