Dwijapriya Vinayak Chaturthi 2025:हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2025 Date) तिथि पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। Dwijapriya Vinayak Chaturthi 2025 धार्मिक मान्यता है कि गणपति बप्पा की उपासना करने से सभी संकट दूर होते हैं। साथ ही गणेश जी की कृपा से बिगड़े काम पूरे होते हैं।
Dwijapriya Vinayak Chaturthi:जल्द ही फरवरी का महीना शुरू होने वाला है। धर्मिक दृष्टि से इस माह को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस माह में कई व्रत और पर्व मनाए जाते हैं। इनमें विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi February 2025) और द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी भी शामिल है। चतुर्थी तिथि पर महादेव के पुत्र भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही श्रद्धा अनुसार लोगों में गर्म कपड़े और धन का दान भी किया जाता है।
Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2025: हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी के व्रत का खास महत्व माना जाता है. हर माह की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है. पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. इस शुभ तिथि पर भगवान गणेश की पूजा करने से हर काम में आ रही रुकावट से छुटकारा मिलता है Dwijapriya Vinayak Chaturthi 2025 और घर में सुख-शांति का आगमन होता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि फरवरी में द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी कब है, इस दिन शुभ मुहूर्त क्या रहेगा और पूजा विधि की विधि क्या है.

Dwijapriya Vinayak Chaturthi:मान्यता है कि उपासना और दान करने से भक्त पर हमेशा गणपति बप्पा की कृपा बनी रहती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। ऐसे में आइए जानते हैं Dwijapriya Vinayak Chaturthi 2025 कि फरवरी में मनाई जाने वाली विनायक चतुर्थी और द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 2025 कब है (Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2025 Date )
Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2025:पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष Dwijapriya Vinayak Chaturthi 2025 की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 15 फरवरी को रात 11 बजकर 52 मिनट पर होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 17 फरवरी को रात 2 बजकर 15 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत 16 फरवरी को रखा जाएगा.
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 2025 शुभ मुहूर्त Dwijapriya Vinayak Chaturthi 2025
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 16 मिनट से 06 बजकर 07 मिनट तक
- विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 28 मिनट से 03 बजकर 12 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 10 मिनट से 05 बजकर 35 मिनट तक
- अमृत काल- रात 09 बजकर 48 मिनट से 11 बजकर 36 मिनट तक
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी की पूजा कैसे करें (Dwijapriya Sankashti Chaturthi Puja Vidhi)
Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2025 द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर और स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें.
फिर चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश और शिव परिवार की प्रतिमा रखें.
इसके बाद उन्हें मोदक, लड्डू, अक्षत और दूर्वा आदि चीजें चढ़ाएं.
फिर भगवान गणेश के माथे पर तिलक लगाएं.
देसी घी का दीया जलाकर भगवान गणेश की आरती करें.
इसके बाद सच्चे मन से व्रत कथा का पाठ करें.
कथा का पाठ कर बप्पा को मिठाई, मोदक और फल का भोग लगाएं.
खुशहाल जीवन की कामना करें और लोगों में प्रसाद बाटें.
श्री गणेश मंत्र ganesh mantra
ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2025:गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि,
तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥
Dwijapriya Vinayak Chaturthi 2025 ऋणहर्ता गणपति मंत्र
ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्॥
