Hanuman Mantra:संकट से मुक्ति पाना है तो हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाते समय करें इन मंत्रों का जाप

Hanuman Mantra:हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है। उनका स्मरण करने मात्र से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। यदि आप जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाकर पूजा करना अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है। साथ ही, विशेष मंत्रों का जाप करने से आपकी समस्याओं का शीघ्र समाधान होता है। Hanuman Mantra इस लेख में हम जानेंगे कि हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने का महत्व, सही विधि और साथ में कौन-कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए।

Hanuman Mantra:हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है। उनका स्मरण करने मात्र से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। यदि आप जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाकर पूजा करना अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है। साथ ही, विशेष मंत्रों का जाप करने से आपकी समस्याओं का शीघ्र समाधान होता है।

Hanuman Mantra

इस लेख में हम जानेंगे कि Hanuman Mantra हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने का महत्व, सही विधि और साथ में कौन-कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए।

Hanuman Mantra:हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने का महत्व

हनुमान Hanuman Mantra जी को सिंदूर अत्यंत प्रिय है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब माता सीता ने हनुमान जी से उनके शरीर पर सिंदूर लगाने का कारण पूछा, तो उन्होंने बताया कि यह भगवान राम को खुश करने के लिए है। इसके बाद से ही हनुमान भक्तों द्वारा उन्हें सिंदूर चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।

हनुमान जी को सिंदूर अत्यंत प्रिय है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब माता सीता ने हनुमान जी से उनके शरीर पर Hanuman Mantra सिंदूर लगाने का कारण पूछा, तो उन्होंने बताया कि यह भगवान राम को खुश करने के लिए है।

Hanuman Mantra। सनातन धर्म में मंगलवार का दिन महाबली हनुमान को समर्पित माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से जीवन में सभी संकट दूर हो जाते हैं। हनुमान जी को सिंदूर अति प्रिय है। Hanuman Mantra यदि मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाते हैं तो इस समय कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से जीवन में आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाते समय इन मंत्रों का जाप जरूर करें –

सिन्दूर समर्पण मंत्र

दिव्यनागसमुद्भुतं सर्वमंगलारकम् |

तैलाभ्यंगयिष्यामि सिन्दूरं गृह्यतां प्रभो ||

सर्वदुख निवारण मंत्र

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय आध्यात्मिकाधिदैवीकाधिभौतिक तापत्रय निवारणाय रामदूताय स्वाहा।

स्वरक्षा मंत्र

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रमुखाय

वज्ररोम्णे वज्रदन्ताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा।

शत्रु संकट निवारण मंत्र

ऊँ पूर्वकपिमुखाय पंचमुखहनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रुसंहरणाय स्वाहा।

प्रेत बाधा दूर करने हेतु मंत्र

ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय

नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः।

प्रनवउं पवनकुमार खल बन पावक ग्यानधन।

जासु हृदय आगार बसिंह राम सर चाप घर।।

शत्रु पराजय हेतु मंत्र

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकाय रामभक्तितत्पराय रामहृदयाय

लक्ष्मणशक्ति भेदनिवावरणाय लक्ष्मणरक्षकाय दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा।

व्यापार में लाभ पाने के लिए मंत्र

अज्जनागर्भ सम्भूत कपीन्द्र सचिवोत्तम।

रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमन् रक्ष सर्वदा।।

धन प्राप्ति के लिए मंत्र

मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन ।

शत्रून संहर मां रक्षा श्रियं दापय मे प्रभो।।

प्रसन्न करने हेतु मंत्र

सुमिरि पवन सुत पावन नामू।

अपने बस करि राखे रामू।।

अर्घ्य मंत्र

कुसुमा-क्षत-सम्मिश्रं गृह्यतां कपिपुन्गव |

दास्यामि ते अन्जनीपुत्र | स्वमर्घ्यं रत्नसंयुतम् ||

सिंदूर चढ़ाने की विधि

  1. स्नान और स्वच्छता: पूजा से पहले स्वयं को स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. पूजा सामग्री तैयार करें:
    • सिंदूर
    • चमेली का तेल
    • दीपक और धूप
    • लाल फूल
    • हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र
  3. हनुमान चालीसा का पाठ करें: पूजा के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  4. सिंदूर चढ़ाएं: हनुमान जी की प्रतिमा पर सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।
  5. मंत्रों का जाप करें: नीचे दिए गए मंत्रों का श्रद्धापूर्वक जाप करें।

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