Nangli Niwasi Satguru Arti:गुरुदेव आरती – श्री नंगली निवासी सतगुरु जी
Nangli Niwasi Satguru Arti:श्री नंगली निवासी सतगुरु जी की आरती का पाठ उनके प्रति श्रद्धा, समर्पण और आस्था का प्रतीक है। सतगुरु जी को मार्गदर्शक, कल्याणकारी और सत्य की राह दिखाने वाला माना जाता है। इस आरती का पाठ करते समय भक्त अपने गुरुदेव के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में शांति, मार्गदर्शन, और आत्मिक उन्नति प्राप्त करते हैं।
Nangli Niwasi Satguru Arti:गुरुदेव आरती के लाभ और महत्व
- आध्यात्मिक उन्नति
गुरुदेव की आरती करने से व्यक्ति को आत्मज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। Nangli Niwasi Satguru Arti उनके आशीर्वाद से भक्त को जीवन के वास्तविक उद्देश्य का ज्ञान होता है और आत्मा में शांति का अनुभव होता है। - ज्ञान और विवेक का संचार
श्री नंगली निवासी सतगुरु जी की आरती से मन में ज्ञान, विवेक, और सत्य की समझ बढ़ती है। यह आरती जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती है और व्यक्ति को अपनी समस्याओं का समाधान समझने की शक्ति देती है। - कष्टों से मुक्ति और सुख-शांति का संचार
गुरुदेव की कृपा से भक्त के जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ दूर होती हैं और उसे शांति का अनुभव होता है। उनकी आरती करने से मन में शांति और जीवन में संतोष का भाव उत्पन्न होता है। - सद्गुणों का विकास
गुरुदेव की आरती से व्यक्ति में सद्गुणों का विकास होता है। यह आरती व्यक्ति को दयालु, सहनशील, और परोपकारी बनने के लिए प्रेरित करती है। - सकारात्मक ऊर्जा और सुरक्षा
गुरुदेव की आरती से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह आरती नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है और व्यक्ति को हर प्रकार की बाधाओं से सुरक्षित रखती है।
Nangli Niwasi Satguru Arti:गुरुदेव आरती का शुभ समय
- सुबह और संध्या का समय गुरुदेव की आरती करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। यह समय उनके प्रति पूर्ण समर्पण और ध्यान केंद्रित करने का होता है।
- विशेष अवसर जैसे गुरुपूर्णिमा और गुरुदेव के जन्मदिवस पर आरती का विशेष महत्व होता है। Nangli Niwasi Satguru Arti:इन दिनों में की गई आरती से भक्त को गुरुदेव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
निष्कर्ष
Nangli Niwasi Satguru Arti:गुरुदेव की आरती से उनके प्रति अपनी भक्ति, आस्था और समर्पण प्रकट किया जाता है। यह आरती जीवन में आध्यात्मिक उन्नति, शांति, सद्गुणों का विकास और सुख-शांति का संचार करती है। श्री नंगली निवासी सतगुरु जी के आशीर्वाद से भक्त अपने जीवन में सफल, संतुलित, और सच्चे मार्ग पर चलने में सक्षम होते हैं।
Guru Aarti – Shri Nangli Niwasi Satguru:गुरुदेव आरती — श्री नंगली निवासी सतगुरु
आरती श्री गुरुदेव जी की गाऊँ ।
बार-बार चरणन सिर नाऊँ ॥
त्रिभुवन महिमा गुरु जी की भारी ।
ब्रह्मा विष्णु जपे त्रिपुरारी ॥
राम कृष्ण भी बने पुजारी ।
आशीर्वाद में गुरु जी को पाऊं ॥
भव निधि तारण हार खिवैया ।
भक्तों के प्रभु पार लगैया ॥
भंवर बीच घूमे मेरी नैया ।
बार बार प्रभु शीष नवाऊँ ॥
ज्ञान दृष्टि प्रभु मो को दीजै ।
माया जनित दुख हर लीजै ॥
ज्ञान भानु प्रकाश करीजै ।
आवागमन को दुख नहीं पाऊं ॥
राम नाम प्रभु मोहि लखायो ।
रूप चतुर्भुज हिय दर्शायो ॥
नाद बिंदु पुनि ज्योति लखायो ।
अखंड ध्यान में गुरु जी को पाऊँ ॥
जय जयकार गुरु उपनायों ।
भव मोचन गुरु नाम कहायो ॥
श्री माताजी ने अमृत पायो ।