Laxmi Mata Aart:लक्ष्मीजी की आरती का महत्त्व और उसके लाभ विभिन्न समयों पर अलग-अलग होते हैं। Laxmi Mata Aarti इसे करने के सही समय और गलत समय का ध्यान रखना ज़रूरी है ताकि आरती का पूरा लाभ मिल सके और कोई विपरीत प्रभाव न पड़े। यहाँ कुछ मुख्य जानकारी दी जा रही है:

Laxmi Mata Aart:लाभ के लिए कब करें लक्ष्मीजी की आरती

  1. शुक्रवार का दिन: शुक्रवार को लक्ष्मीजी की आराधना विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है। इस दिन शाम को लक्ष्मीजी की आरती करने से धन की प्राप्ति और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
  2. शाम का समय (संध्या काल): शाम को, सूर्यास्त के समय लक्ष्मीजी की आरती करने से लक्ष्मीजी प्रसन्न होती हैं। संध्या काल का समय विशेष रूप से गृहस्थ जीवन में समृद्धि बढ़ाने के लिए उपयुक्त होता है।
  3. विशेष अवसरों पर: धनतेरस, दिवाली, पूर्णिमा या किसी शुभ मुहूर्त में आरती करने का महत्त्व अधिक बढ़ जाता है। इन दिनों आरती करने से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  4. गुरु पुष्य योग या शुभ मुहूर्त: अगर गुरुवार या किसी अन्य शुभ योग में आरती की जाए, तो इसका लाभ अधिक मिलता है। इन योगों में देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा मानी जाती है।

कब न करें लक्ष्मीजी की आरती:

  1. अशुभ समय: जैसे कि राहुकाल, अमावस्या की रात को (जब विशेष पूजा न हो), या चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण के समय आरती करने से बचना चाहिए। इस समय लक्ष्मीजी की आराधना का सही फल नहीं मिल पाता और पूजा का प्रभाव विपरीत भी हो सकता है।
  2. भय या नकारात्मक मानसिकता में: यदि मन में कोई नकारात्मकता हो, भय या चिंता हो, तो उस समय आरती करने से बचें। इससे पूजा का प्रभाव कम हो सकता है और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता।
  3. शुद्धि का ध्यान रखें: लक्ष्मीजी की आरती से पहले हाथ, पैर धोकर और मन को शांत करके शुद्ध मन से आरती करें। शुद्धता का ध्यान न रखने पर आरती का लाभ नहीं मिल पाता।
  4. शोककाल: परिवार में किसी की मृत्यु या किसी प्रकार का शोक हो तो Laxmi Mata Aarti लक्ष्मीजी की आराधना का निषेध माना जाता है। शोककाल में आरती या पूजन करने का लाभ नहीं मिलता और यह अपशकुन माना जाता है।

संक्षेप में:

लक्ष्मीजी की आरती करने का समय संध्या का और शुक्रवार का दिन सर्वोत्तम माना जाता है। Laxmi Mata Aarti विशेष अवसरों पर या शुभ मुहूर्त में आरती करने से लक्ष्मीजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। लेकिन राहुकाल, ग्रहणकाल, या नकारात्मक मनोदशा में आरती करने से बचें।

Laxmi Mata Aarti

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