हरसिद्धि माता मंदिर

51 शक्तिपीठों में 13वां शक्तिपीठ

हरसिद्धि माता मंदिर भारत के मध्य प्रदेश की धर्मिक नगरी उज्जैन में हरसिद्धि माता का मंदिर स्थित है। जो कि उज्जैन के क्षिप्रा नदी के रामघाट के पास भैरव पर्वत पर स्थित है, माँ हरसिद्धि का यह मंदिर शक्तिपीठों में से एक है। माता सती के 52 शक्तिपीठों में 13वां शक्तिपीठ हरसिद्धि माता मंदिर है। इस स्थान पर देवी सती की कोहनी गिरी थी। मंदिर परिसर में 51 फीट ऊंचे 2 दीप स्तंभ स्थापित हैं। दोनों दीप स्तंभों में लगभग 1 हजार 11 दीपक हैं। बताया जाता है कि इन दीप स्तंभों की स्थापना उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य ने करवाई थी।

मंदिर का इतिहास

माता हरसिद्धि की साधना करने से सभी प्रकार की दिव्य सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं। इसलिए हरसिद्धि माता को ‘मांगल-चाण्डिकी’ के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि राजा विक्रमादित्य जो अपनी बुद्धि, पराक्रम और उदारता के लिए जाने जाते हैं, हरसिद्धि माता मंदिर इन्हीं देवी की आराधना किया करते थे। इसलिए उन्हें भी हर प्रकार की दिव्य सिद्धियां प्राप्त हो गई थीं। हरसिद्धि माता मंदिर इसी कारण मांगल-चाण्डिकी देवी को हरसिद्धि अर्थात हर प्रकार की सिद्धि की देवी नाम दिया गया। विक्रमादित्य का इतिहास करीब 2 हजार वर्ष पुराना है। इसलिए इस मंदिर को भी 2,000 वर्ष पुराना बताया जाता है।

मंदिर का महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा विक्रमादित्य देवी को प्रसन्न करने के लिए हर 12 साल में अपना शीश काटकर उन्हें बलि चढ़ा देते थे और बार-बार उनका मस्तक लौट आता था। 11 बार उन्होंने ऐसा किया लेकिन हर बार उनका सिर वापस उनके शरीर पर आ जाता। राजा विक्रमादित्य ने जब 12वीं बार अपना शीश माता को अर्पित किया तो वह वापस नहीं आया और यह मान लिया गया कि उनका शासन पूर्ण हो गया है। हालांकि जिस मुंड को राजा विक्रमादित्य का बताया जाता है वह देवी वैष्णवी है जिनकी पूजा अर्चना मंदिर के पुजारी करते हैं।

मंदिर की वास्तुकला

हरसिद्धि मंदिर की चारदीवारी के अंदर चार प्रवेश द्वार हैं। वहीं मंदिर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा की ओर है। द्वार पर सुंदर बंगले बने हुए हैं। बंगले के पास दक्षिण-पूर्व की और एक बावड़ी बनी हुई है, हरसिद्धि माता मंदिर जिसके अंदर एक स्तंभ है। यहां श्री यंत्र बना हुआ स्थान है। इसी स्थान के पीछे भगवती अन्नपूर्णा की सुंदर प्रतिमा है।

मंदिर खुलने का समय

05:00 AM – 07:00 PM

सुबह आरती का समय

07:00 AM – 08:00 AM

संध्या आरती का समय

06:00 PM – 07:00 PM

मंदिर का प्रसाद

हरसिद्धि माता मंदिर में श्रद्धालु देवी को देशी घी के लड्डू का भोग लगाते हैं। वहीं भक्त अपनी श्रद्धा अनुसार इलायची दाना और बर्फी भी माँ को चढ़ाते हैं और उन्हें प्रसन्न करते हैं।

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