“वेदो में बताया है, कि मन की शक्ति अपार है। लोग उस से लाभ लेना नहीं जानते।”
आपने बहुत से वीडियोस में देखा होगा, कि “उस विकलांग व्यक्ति के हाथ नहीं हैं, अथवा पांव नहीं हैं, अथवा आंखें नहीं हैं, अथवा और कोई अंग स्वस्थ नहीं है। फिर भी वह बहुत विशेष योग्यताएं रखता है। यहां तक कि ओलंपिक जैसे ऊंचे खेलों तक भी वह पुरस्कार लेता है। और भी अनेक क्षेत्रों में बहुत अच्छी ऊंची प्रगति कर लेता है। विश्व कीर्तिमान में भी उसका नाम आ जाता है।” इस सबका कारण क्या है? “मन की विचित्र शक्तियां। मन में बहुत अधिक विचित्र शक्तियां हैं।”
संसार के लोग उन शक्तियों को नहीं जानते। उनका लाभ उठाना नहीं जानते। “इसलिए सब कुछ होते हुए भी अर्थात शरीर के अंग स्वस्थ होते हुए भी, धन संपत्ति, उत्तम परिवार होते हुए भी, अपने आलस्य प्रमाद पुरुषार्थ हीनता आदि दोषों के कारण शिकायतें करते रहते हैं, कि भगवान ने मुझे यह नहीं दिया, वह नहीं दिया इत्यादि।”
और सृजनात्मक कार्य कुछ नहीं करते, जिससे कि उनकी विशेष उन्नति नहीं हो पाती, और बस शिकायतें ही चलती रहती हैं।
इसके अतिरिक्त अनेक बार जीवन में कुछ समस्याएं भी आ जाती हैं। “कभी व्यक्ति रोगी हो जाता है, कभी कोई उस पर झूठा आरोप लगा देता है, उसे अपमानित करता है, कभी दुर्घटना हो जाती है, आदि आदि अनेक आपत्तियां आने पर भी व्यक्ति उन समस्याओं का समाधान ढूंढने में परिश्रम नहीं करता, शिकायतें ही करता रहता है। यह जीवनशैली अच्छी नहीं है।”
ईश्वर ने आपको बहुत कुछ दिया है। जैसे कि, “अच्छे-अच्छे माता-पिता दिए हैं। विद्वान गुरुजन दिए हैं। आपका शरीर स्वस्थ है, बलवान है। आपके मित्र संबंधी भी अच्छे हैं, बहुत सहयोग करते हैं। स्वास्थ्य भी आपका अच्छा है। खाना-पीना सारी सुविधाएं पूरी हैं। बस एक मन में कमजोरी है। आपका मन ढीला है।” मन को बलवान बनाएं। उत्साह उत्पन्न करें। “ईश्वर ने जो आपको सुविधाएं दी हैं, उन सुविधाओं की सूची बनाएं। कागज पर लिखें, कि ईश्वर ने आपको क्या-क्या दिया है?” जैसा कि कुछ सुविधाएं मैंने ऊपर लिखी हैं, ये सारी सुविधाएं; और इसके अलावा और भी जो ईश्वर ने आपको सुविधाएं दी हैं, उन सब को लिखकर एक सूची बनाएं।
“उस सूची को 100 दिन तक प्रतिदिन, दिन में तीन बार पढ़ें। आपके अंदर उत्साह भर जाएगा। आपका मन प्रफुल्लित, बलवान हो जाएगा। इस प्रकार से अपने मन को बलवान बनाएं।”
“सुबह शाम बैठकर ईश्वर का ध्यान करें। गायत्री मंत्र से ईश्वर की स्तुति प्रार्थना करें। उससे और शक्ति मांगें। विद्या बल बुद्धि मांगें। आपके अंदर मन की विचित्र शक्तियां जाग जाएंगी, और आप बहुत कुछ कर डालेंगे। यदि आपने अपने मन को इस प्रकार से बलवान बना लिया, और समस्याओं से लड़ने का विचार ठान लिया, तो कोई समस्या आपके सामने टिक नहीं पाएगी, सब की सब भाग खड़ी होंगी।”