बेताल का उड़कर पेड़ पर लौटने और राजा विक्रम का उसे दोबारा पकड़ने का सिलसिला जारी रहता है। इस बार राजा विक्रमादित्य बेताल को फिर से पेड़ से उतारकर ले जाते हैं। रास्ते में बेताल राजा से कहता है, “मार्ग बहुत बड़ा है, चलो मैं तुम्हें एक और कहानी सुनाता हूं, इसे तुम ध्यान से सुनना।” बेताल बताता है..
एक समय की बात है, गौड़ नाम के देश में गुणशेखर राजा का राज हुआ करता था। राजा इतना बलवान था कि उसकी चर्चा दूर-दूर के राज्यों तक फैली हुई थी। उस राजा की तीन सुंदर बेटियां थीं। तीनों इतनी कोमल थीं कि राजा को अक्सर उनकी चिंता लगी रहती थी।
राजा की सबसे बड़ी बेटी इतनी कोमल थी कि चांद के प्रकाश से ही उसके शरीर पर छाले पड़ जाते थे। दूसरी बेटी को गुलाब के फूल जैसी नाजुक चीज के टकराने पर भी चोट लग जाती और खून बहने लगता था। तीसरी बेटी के कानों में किसी के चलने या कुछ कूटने की आवाज पहुंचते ही उसके हाथ-पांव पर छाले पड़ जाते थे।
हर कोई उनकी इस कोमलता के बारे में सुनकर हैरान रह जाता था। कई राजकुमार उनसे शादी भी करना चाहते थे, लेकिन उनकी कोमलता के बारे में जानकर पीछे हट जाते। राजा को उनकी शादी की चिंता सताने लगी। उन्हें लगने लगा कि इस कठोर संसार में उसकी कोमल बेटियां कैसे जी पाएंगी।
तब राजा ने फैसला लिया कि वो सबसे पहली बेटी को हर दम छांव में ही रखेंगे, ताकि किसी तरह की रोशनी की वजह से उसके शरीर पर छाले न पड़ें। राजा ने दूसरी बेटी को हल्के कपड़ों और गहनों के साथ ऐसी जगह रखने का फैसला किया जहां कोई भी चीज उससे न टकराए। राज ने तीसरी बेटी को ऐसी जगह रखा जहां किसी की भी आवाज न पहुंच पाए।
इसी दौरान एक पड़ोस के राज्य का राजकुमार उनकी कोमलता के बारे में सुनने के बाद गौड़ देश पहुंच गया। उसने सबसे पहली राजकुमारी के चेहरे को गुलाब के फूल का स्पर्श कराया, जिससे राजकुमारी के चेहरे पर घाव के निशान बन गए। राजकुमार हैरान रह गया। इसके बाद उसने दूसरी राजकुमारी को चांदनी रात में बाहर जाने को कहा, लेकिन जब राजकुमारी ने मना कर दिया, तो वो उसे खिड़की के पास ले गया, जहां चांद की रोशनी पड़ रही थी। चांद की रोशनी राजकुमारी पर पड़ते ही उसके शरीर पर छाले पड़ गए।
अगले दिन राजकुमार ने सभी लोगों से मसाला कूटने के लिए कहा, जिसकी आवाज सुनकर सबसे छोटी राजकुमारी बेहोश हो गई। इतनी कहानी सुनाकर बेताल एकदम चुप हो गया और राजा विक्रम से पूछा, “महाराज ये बताइये कि इन तीनों राजकुमारियों में से सबसे अधिक सुकुमारी व कोमल कौन सी है और राजकुमार कौन सी राजकुमारी से विवाह करेगा।”
सवाल सुनने के बाद भी राजा विक्रमादित्य ने कोई जवाब नहीं दिया। गुस्से में बेताल ने कहा, “राजन जवाब पता होने पर भी आप उत्तर नहीं देंगे, तो मैं अपने तेज से आपका सिर धड़ से अलग कर दूंगा।” इतना सुनने के कुछ देर बाद राजा बोले, “तीसरी राजकुमारी सबसे अधिक सुकुमारी है, क्योंकि बिना कुछ किए ही उसके हाथ पैर पर छाले पड़ रहे थे और वो बेहोश हो रही थी। वो सिर्फ तन से नहीं मन से भी कोमल है। इसी वजह से राजकुमार सबसे छोटी राजकुमारी से शादी करेगा।” जवाब मिलते ही बेताल राजा विक्रम की पीठ से उड़कर फिर से पेड़ पर जाकर लटक जाता है और राजा उसके पीछे-पीछे जंगल की ओर भागते हैं।
कहानी से सीख:
इंसान को अपना मन साफ रखना चाहिए। साफ मन वाले लोग दूसरों के दुख को पहचान लेते हैं।