आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष का योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) व्रत 24 जून शुक्रवार को है। यह एकादशी पापों के प्रायश्चित के लिए विशेष महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन श्री हरि के ध्यान, भजन और कीर्तन से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। योगिनी एकादशी के दिन उपवास रखने और साधना करने से समस्याओं का अंत हो जाता है। यहां तक कि पीपल का पेड़ काटने का पाप भी इस एकादशी पर नष्ट हो जाता है। इस व्रत को विधिपूर्वक करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने जितना पुण्य प्राप्त होता है। जो लोग योगिनी एकादशी व्रत रहेंगे, वे योगिनी एकादशी व्रत कथा को अवश्य पढ़ें।

ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक, देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इस दौरान भगवान शंकर सृष्टि का संचालन करते हैं। इन महीनों में शुभ कार्यों की मनाही होती है। निर्जला एकादशी और देवशयनी एकादशी के बीच योगिनी एकादशी व्रत रखा जाता है। इसलिए इसे बेहद महत्वपूर्ण माना गया है।

योगिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त

योगिनी एकादशी का व्रत 24 जून को रखा जाएगा। एकादशी तिथि 23 जून रात 9:41 बजे से शुरू होगी और 24 जून को सूर्योदय तक रहेगी। 25 जून को एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा।

योगिनी एकादशी व्रत के नियम

– सुबह नहाकर सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद पीले कपड़े पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करें।
– श्रीहरि को पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें।
– इसके बाद श्री हरि और मां लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप करें। किसी निर्धन व्यक्ति को जल, अनाज, कपड़े, जूते और छाते का दान करें। – इस दिन केवल जल और फल ग्रहण करके ही उपवास रखें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *