नवरात्रि 2024: मां चंद्रघंटा की पूजा विधि, मंत्र, भोग, और क्या करें और क्या न करें

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है, जो साहस, शक्ति और सौम्यता की देवी मानी जाती हैं। इनका रूप बहुत ही अद्भुत और शक्तिशाली है, जो भक्तों को जीवन में साहस और संतुलन बनाए रखने का आशीर्वाद देती हैं। अगर आप मां चंद्रघंटा की पूजा विधि (Puja Vidhi), मंत्र (Mantras), भोग (Offerings), और पूजा के दौरान क्या करें और क्या न करें (Do’s and Don’ts) के बारे में जानना चाहते हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए है।

मां चंद्रघंटा की पूजा विधि (Maa Chandraghanta Puja Vidhi)

  1. स्नान और शुद्धिकरण (Purification):
    प्रातःकाल स्नान करें और पूजा स्थल को स्वच्छ करें। स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा की शुरुआत करें।
  2. मूर्ति या चित्र स्थापना (Idol or Picture Placement):
    मां चंद्रघंटा की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें। उनके माथे पर अर्धचंद्र को देखकर ध्यान करें।
  3. पूजन सामग्री (Puja Samagri):
    मां चंद्रघंटा की पूजा में लाल और पीले फूल, धूप, दीप, कुमकुम, अक्षत, शहद और दूध का प्रयोग करें।
  4. मंत्र जाप (Mantra Chanting):
    मां चंद्रघंटा की कृपा प्राप्त करने के लिए उनके विशेष मंत्रों का जाप करें।
  • ध्यान मंत्र:
    “पिण्डज प्रवरारुढ़ा चण्डकोपास्त्र कैर्युता।
    प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघंटेति विश्रुता॥”
  • बीज मंत्र:
    “ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः।”
  1. भोग अर्पण (Offerings):
    मां को दूध से बनी मिठाइयां, खीर और शहद का भोग अर्पित करें। इसके बाद परिवार में इसे बांटें।
  2. आरती (Aarti):
    मंत्रों और आरती से मां की पूजा संपन्न करें। पूजा के बाद दीपक से आरती करें और भक्तिभाव से मां का स्मरण करें।

मां चंद्रघंटा के मंत्र (Mantras for Worship)

  • स्तोत्र मंत्र:
    “सुरासम्पूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च।
    दधाना हस्तपद्माभ्यां चंद्रघंटा यशस्विनी॥”
  • मूल मंत्र:
    “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे।”

मंत्रों का जाप करते हुए मां का ध्यान करें और उनसे साहस और संतुलन की प्रार्थना करें।

मां चंद्रघंटा को भोग (Prasad to Offer)

मां को दूध, खीर, और शहद का भोग विशेष रूप से प्रिय है। इन वस्तुओं को मां को अर्पित करने से स्वास्थ्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

मां चंद्रघंटा की पूजा में क्या करें (What to Do)

  1. सफेद और लाल वस्त्र पहनें:
    पूजा के दौरान लाल या सफेद रंग के वस्त्र धारण करें, क्योंकि ये रंग शक्ति और पवित्रता के प्रतीक हैं।
  2. ध्यान और साधना करें (Meditation and Prayer):
    मां की पूजा के बाद ध्यान और साधना अवश्य करें। यह आपको आंतरिक शांति और संतुलन प्रदान करता है।
  3. सकारात्मकता बनाए रखें:
    पूजा के दौरान और दिनभर सकारात्मक सोच और शांति बनाए रखें। मां का ध्यान करते हुए धैर्य और संयम रखें।
  4. सात्विक भोजन करें:
    सात्विक भोजन ग्रहण करें और तामसिक भोजन से परहेज करें। इससे आपकी पूजा और ध्यान में एकाग्रता बनी रहती है।

मां चंद्रघंटा की पूजा में क्या न करें (What Not to Do)

  1. क्रोध और आलस्य से बचें:
    पूजा के दौरान क्रोध और आलस्य से दूर रहें। शांत और सजीव मन से मां का ध्यान करें।
  2. नकारात्मक विचार न रखें:
    नकारात्मकता और द्वेषपूर्ण भावनाओं से बचें। मां की पूजा में शुद्ध विचार और कर्म को प्राथमिकता दें।
  3. अशुद्ध स्थान पर पूजा न करें:
    पूजा स्थल को साफ और शुद्ध रखें। गंदे स्थान पर पूजा करने से मन विचलित हो सकता है।
  4. असत्य और छल से दूर रहें:
    इस दिन असत्य, छल-कपट, और झूठ से दूर रहें। ईमानदारी और सत्य का पालन करें।

निष्कर्ष (Conclusion)

मां की पूजा साहस, शक्ति और मानसिक संतुलन का प्रतीक है। सही विधि से की गई पूजा जीवन में शांति, साहस और संतुलन लाती है। इस नवरात्रि, मां चंद्रघंटा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा विधि, मंत्र जाप, और पूजा के नियमों का पालन करना अति महत्वपूर्ण है। उनकी कृपा से आपके जीवन में समृद्धि, साहस, और शक्ति का संचार होगा।

इस नवरात्रि, मां की पूजा से अपने जीवन में साहस और संतुलन लाएं।

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