नवरात्रि एक अत्यंत पवित्र पर्व है, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए समर्पित है। हर दिन का विशेष महत्व होता है और भक्तों को यह जानना आवश्यक है कि किस दिन किस देवी की पूजा करनी चाहिए। Vedic मान्यताओं के अनुसार, प्रत्येक देवी का एक निश्चित दिन होता है, जब उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि नवरात्रि के नौ दिनों में किस देवी की पूजा करनी चाहिए और इसके पीछे का Vedic प्रमाण क्या है।
नवरात्रि के नौ दिन और देवी की पूजा
1. प्रथम दिन: माता शैलपुत्री (Shailaputri)
- पुजा का समय: 1st दिन (Pratipada)
- विशेषता: माता शैलपुत्री देवी का प्रतीक हैं, जो हिमालय की पुत्री हैं। वे भक्ति, साहस, और शक्ति का प्रतीक हैं।
- मंत्र: “ॐ शं नो देवी सरस्वती।”
2. दूसरा दिन: माता ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini)
- पुजा का समय: 2nd दिन (Dwitiya)
- विशेषता: माता ब्रह्मचारिणी तप और साधना की देवी हैं। वे भक्तों को ज्ञान और वैराग्य प्रदान करती हैं।
- मंत्र: “ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः।”
3. तीसरा दिन: माता चंद्रघंटा (Chandraghanta)
- पुजा का समय: 3rd दिन (Tritiya)
- विशेषता: माता चंद्रघंटा युद्ध और पराक्रम की देवी हैं। वे भक्तों को कष्टों से मुक्ति दिलाती हैं।
- मंत्र: “ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः।”
4. चौथा दिन: माता कुष्मांडा (Kushmanda)
- पुजा का समय: 4th दिन (Chaturthi)
- विशेषता: माता कुष्मांडा सम्पूर्ण सृष्टि की उत्पत्ति करने वाली देवी हैं। वे समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक हैं।
- मंत्र: “ॐ देवी कुष्मांडा नमः।”
5. पांचवां दिन: माता स्कंद माता (Skandamata)
- पुजा का समय: 5th दिन (Panchami)
- विशेषता: माता स्कंद माता भगवान कार्तिकेय की माता हैं। वे संतानों को सुख और समृद्धि प्रदान करती हैं।
- मंत्र: “ॐ देवी स्कंदमातायै नमः।”
6. छठा दिन: माता कात्यायनी (Katyayani)
- पुजा का समय: 6th दिन (Shashthi)
- विशेषता: माता कात्यायनी दुष्ट शक्तियों का नाश करने वाली देवी हैं। वे शक्ति और साहस का प्रतीक हैं।
- मंत्र: “ॐ देवी कात्यायिन्यै नमः।”
7. सातवां दिन: माता कालरात्रि (Kalratri)
- पुजा का समय: 7th दिन (Saptami)
- विशेषता: माता कालरात्रि अंधकार और भय को दूर करने वाली देवी हैं। वे भक्तों को सुरक्षा और शांति प्रदान करती हैं।
- मंत्र: “ॐ देवी कालरात्र्यै नमः।”
8. आठवां दिन: माता महागौरी (Mahagauri)
- पुजा का समय: 8th दिन (Ashtami)
- विशेषता: माता महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती हैं और पवित्रता और ज्ञान की देवी हैं।
- मंत्र: “ॐ देवी महागौर्यै नमः।”
9. नवां दिन: माता सिद्धिदात्री (Siddhidatri)
- पुजा का समय: 9th दिन (Navami)
- विशेषता: माता सिद्धिदात्री सम्पूर्ण सिद्धियों और इच्छाओं की देवी हैं। वे भक्तों को सभी प्रकार की सफलताएँ प्रदान करती हैं।
- मंत्र: “ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः।”
पूजा विधि
सामाग्री (Samagri):
- देवी की मूर्ति या चित्र
- फूल, फल, और मिठाई
- दीपक और अगरबत्ती
- चंदन, रोली, और अक्षत
पूजा का तरीका:
- शुद्धता: पूजा करने से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- आसन: एक साफ स्थान पर आसन लगाएं और देवी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- दीप जलाएं: दीपक जलाएं और अगरबत्ती अर्पित करें।
- मंत्रों का उच्चारण: प्रत्येक देवी का विशेष मंत्र जपें।
- भोग अर्पित करें: देवी को भोग अर्पित करें और प्रसाद वितरित करें।
निष्कर्ष
नवरात्रि में प्रत्येक दिन एक विशेष देवी की पूजा करना न केवल भक्तों के लिए शुभ होता है, बल्कि यह उन्हें सकारात्मक ऊर्जा और शक्ति भी प्रदान करता है। Vedic शास्त्रों के अनुसार, इन देवीों की पूजा से भक्तों को विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। इस नवरात्रि, ध्यानपूर्वक पूजा करें और देवी दुर्गा के आशीर्वाद से अपने जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि प्राप्त करें।
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