
यह 7 प्राकृतिक गुफाओं से घिरा है, जिसके कारण इसका नाम गुफा मंदिर पड़ा।
गुफा मंदिर मध्यप्रदेश के भोपाल शहर में लालघाटी पर स्थित भगवान शिव का यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है। यह भोपाल के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है। इस मंदिर को पहाड़ काटकर बनाया गया है। यह 7 प्राकृतिक गुफाओं से घिरा है, जिसके कारण इसका नाम गुफा मंदिर पड़ा। इन 7 गुफाओं में से एक गुफा में स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन होते हैं। भगवान शिव के साथ उनका परिवार माता पार्वती, पुत्र गणेश जी, कार्तिकेय व नंदी जी की प्रतिमा भी विराजित है। माना जाता है कि इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन से भाग्य खुल जाता है। सावन, महाशिवरात्रि व नवरात्रि पर यहां बड़े मेले का आयोजन किया जाता है।
मंदिर का इतिहास
गुफा मंदिर की खोज साल 1949 में महंत नारायण दासजी त्यागी द्वारा की गई थी। उस समय यहां आसपास घना जंगल व सिर्फ 2 गांव थे। बताया जाता है कि गुफा की खोज करने के बाद महंत गुफा में ही आध्यात्मिक तपस्या में लीन हो गए। आसपास के लोगों को जब इसका पता चला तो वे सभी महंत से मिलने गए। गुफा के अंदर स्वयंभू देख गांव वालों ने यहां एक मंदिर निर्माण की इच्छा जताई। जिसके बाद महंत नारायण दासजी त्यागी ने मंदिर की नींव रखी। 2 अप्रैल 1965 को महंत द्वारा इसका पुनर्निर्माण भी कराया गया। मंदिर में पहाड़ के नीचे प्राकृतिक रूप से गुफा निर्मित गृर्भ गृह में भगवान भोलेनाथ स्वयंभू पिंडी रूप में विराजमान हैं।
मंदिर का महत्व
कहा जाता है कि गुफा में विराजित शिवलिंग स्वयंभू यानी अपने आप प्रकट हुए थे । गुफा में विराजित शिवलिंग पर प्राकृतिक रूप से पानी की बूंदे लगातार गिरती रहती है। माना जाता है कि गुफा मंदिर में सावन माह में स्वयंभू शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भक्तों के हर कष्ट दूर हो जाते हैं।
मंदिर की वास्तुकला
बाहर से देखने में गुफा मंदिर दक्षिण भारत के किसी मंदिर जैसा प्रतीत होता है। एक मीनार की तरह 3 खंड ऊंचे शिखर शैली में दिखाई देता है, जोकि अलग-अलग रंगों से की गई सुंदर कलाकृतियों के कारण काफी आकर्षक लगता है। हालांकि, अंदर से मंदिर सिर्फ एक ही खंड यानी प्रथम खंड में निर्मित है। गर्भगृह से गुफा के अलावा यहां एक प्राचीन गुफा है, जहां शिवलिंग विराजित है। यह गुफा सालभर जल से भरी रहती है। गुफा के बाहर लक्ष्मीनारायण जी की सुंदर प्रतिमा है,
जहां भगवान विष्णु अपने बैकुण्ड निवास में माता लक्ष्मी के साथ विराजमान हैं। – मुख्य गुफा में प्रवेश से पहले बाईं ओर भगवान सीताराम का एक सुंदर मंदिर है, जिसमें पूरा राम दरबार सुशोभित है। परिसर में हनुमान जी की एक प्रतिमा है, जिसमें आदीवासी मूर्तिकला की झलक देखने को मिलती है। – मंदिर की दीवारों पर श्रीराधाकृष्ण, हनुमान जी व गणेश जी की सुंदर छवियां चित्रित की गई हैं। परिसर में भगवान परशुराम जी की भी विशाल प्रतिमा विराजमान है।
मंदिर का समय
गुफा मंदिरन खुलने का समय
06:30 AM – 07:00 PM
महादेव के श्रंगार व आरती का समय
06:00 AM – 07:00 AM
मंदिर का प्रसाद
शिवलिंग पर परंपरा अनुसार शुद्ध जल, दूध, दही, शहद, घी व बेलपत्र का अर्पण किया जाता है।