श्रीहरि का ‘कल्कि अवतार’ होना बाकी है. मान्यता है कि कल्कि अवतार के बाद कलियुग खत्म हो जाएगा. यह अवतार कब होगा, कैसा होगा इनका स्वरूप ? भगवान विष्णु को जग का पालनहार कहा गया है. पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा कहा गया है कि जब-जब पृथ्वी पर कोई संकट आता है, तब-तब भगवान विष्णु अवतार लेकर उस संकट को दूर करते रहे हैं. वामन अवतार, नृसिंह अवतार, मत्स्य अवतार, रामावतार, कृष्ण अवतार ये सभी इस बात का सबूत है. हिंदू शास्त्रों में भगवान विष्णु के अवतारों का उल्लेख किया गया है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार अंतिम अवतार होगा, जो वे कलयुग में लेंगे और यह अवतार लेना अभी बाकी है. जब कलयुग अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाएगा, तब भगवान विष्णु कल्कि के रूप में कलयुग में अपना अंतिम अवतार लेंगे और इसके बाद धर्म की स्थापना करेंगे. आइए जानते हैं कि कहां मिलता है कल्कि अवतार का वर्णन, क्या है इसका महत्व?

धर्म ग्रंथों के अनुसार जब अधर्म ने पैर पसारना शुरू किए तब भगवान विष्णु ने अवतार लेकर पुन: धर्म को स्थापित किया. शास्त्रों में भगवान विष्णु के 24 अवतारों का वर्णन है, जिसमें से श्रीहरि का ‘कल्कि अवतार’ होना बाकी है.

कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का भविष्य का 10वां अवतार माना जाता है. मान्यता है कि कल्कि अवतार के बाद कलियुग खत्म हो जाएगा. यह अवतार कब होगा, कैसा होगा इनका स्वरूप ? आइए जानते कल्कि अवतार की महत्वपूर्ण जानकारी.

क्या है कल्कि अवतार ? 

पुराणों के अनुसार कलियुग के अंत में भगवान विष्णु कल्कि रूप में अवतार लेंगे. सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार अर्धम को खत्म करने और सतयुग के पुनरुत्थान ये अवतार होगा. कल्कि अवतार लेकर श्रीहरि धरती से पापियों का नाश करेंगे और फिर धर्म की पताका लहराएगी.

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कब होगा कल्कि अवतार

धर्म ग्रंथों के अनुसार कलियुग का प्रारंभ 3102 ईसा पूर्व से हुआ था. श्रीकृष्ण के पृथ्वी लोक से विदा लेते ही कलयुग का प्रथम चरण शुरू हो गया. पुराणों के अनुसार पृथ्वी पर कलयुग का इतिहास 4 लाख 32 हजार वर्षों का होगा. अभी कलियुग का प्रथम चरण चल रहा है. इसका मतलब 3102+2023= 5125 साल कलियुग के बित चुके हैं और 426875 साल अभी बचे हैं. कल्कि अवतार की उत्पत्ति कलियुग के अंत में होगी.

श्रीमद्भागवत पुराण के 12वें स्कंद के 24वें श्लोक में बताया गया है कि जब गुरु, सूर्य और चंद्रमा एक साथ पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे तब भगवान कल्कि अवतरित होंगे. कलियुग की समाप्ति और सतयुग के संधि काल में ये अवतरित होंगे.

पुराणों में श्रीहरि के दसवें अवतार की जो तिथि बताई गई है उसके अनुसार भगवान सावन महीने के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को जन्म लेंगे.

कहां होगा कल्कि अवतार ?

कल्कि पुराण के अनुसार भगवान विष्णु का कल्कि अवतार संभल गांव में होगा. मान्यता है कि उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद के पास स्थित संभल गांव में भगवान विष्णु का 10वां कल्कि अवतार होना है.

कैसा होगा कल्कि अवतार का स्वरूप ?

 ‘अग्नि पुराण’ के सौलहवें अध्याय में कल्कि अवतार का चित्रण तीर-कमान धारण किए हुए एक घुड़सवार के रूप में किया हैं. कल्कि भगवान देवदत्त नाम के एक सफेद घोड़े पर बैठ कर आएंगे और पापियों का विनाश करेंगे. यह अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा. इनके गुरु चिरंजीवी भगवान परशुराम होंगे जिनके इनके निर्देश पर कल्कि भगवान शिव की तपस्या करेंगे और दिव्यशक्तियों को प्राप्त कर अधर्म का अंत करेंगे.

300 साल से ही होती चली आ रही है पूजा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लगभग 300 साल से ही कल्कि भगवान की पूजा-अर्चना होती चली आ रही है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम के समान ही कल्कि भगवान के तीन और भाई होंगे, जिनका नाम सुमंत, प्राज्ञ व कवि होंगे. इन्हीं भाइयों के साथ मिलकर भगवान विष्णु धर्म की स्थापना करेंगे.

 

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