हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान नरसिंह जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु और नरसिंह भगवान की विधि-विधान उपासना करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। भगवान श्री हरि विष्णु के पांचवे अवतार नरसिंह का जन्मोत्सव वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अधर्म और अहंकार का नाश करने के लिए भगवान नारायण ने यह अवतार लिया था। श्री हरि विष्णु के सभी अवतारों में नरसिंह को अति उग्र माना गया है। लेकिन यह अपने भक्तजनों के लिए सदैव सरल और सौम्य रहते हैं।

जन्मोत्सव का दिन

नरसिंह जन्मोत्सव वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी 3 मई की रात 11 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगा। वहीं, इसका समापन 4 मई को रात 11 बजकर 44 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, नरसिंह जयंती 4 मई, गुरुवार के दिन मनाई जाएगी।

प्रत्येक वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन नरसिंह जयंती मनाई जाती है। बता दें कि भगवान नरसिंह भगवान विष्णु के चौथे अवतार थे, जिन्होंने हिरण्यकश्यप के वध के लिए धरती पर अवतरण लिया था। इस विशेष दिन पर भगवान नरसिंह एवं भगवान विष्णु की उपासना करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं, वर्ष 2023 में कब मनाई जाएगी नरसिंह जयंती, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि?

नरसिंह जयंती 2023 शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 03 मई 2023 को रात्रि 11 बजकर 49 मिनट पर प्रारंभ होगी और इसका समापन अगले दिन यानी 04 मई 2023 को रात्रि 11 बजकर 44 मिनट पर होगा। नरसिंह जयंती पर भगवान नरसिंह की पूजा सायं काल में की जाती है। इसलिए पूजा का समय शाम 04 बजकर 18 मिनट से शाम 06 बजकर 58 मिनट तक ही रहेगा। वहीं व्रत का पारण अगले दिन यानी 5 मई को सुबह 05 बजकर 38 मिनट के बाद किया जाएगा।

नरसिंह जयंती 2023 पूजा विधि

नरसिंह जयंती के दिन साधक सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करें और साफ वस्त्र धारण करें।

इसके बाद भगवान नरसिंह और माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।

पूजा के समय विधि-विधान से नरसिंह भगवान की पूजा करें और उनकी मंत्रों का जाप करें।

शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान नरसिंह को लाल वस्त्र में नारियल लपेटकर अर्पित करने से विशेष लाभ मिलता है।

इस दिन नरसिंह भगवान को मिठाई, फल, केसर, फूल और कुमकुम जरूर अर्पित करें।

अंत में नरसिंह स्तोत्र का पाठ करें और आरती के साथ पूजा संपन्न करें।

नरसिंह जयंती 2023 महत्त्व

पौराणिक किवदंतियों के अनुसार, भगवान विष्णु ने दैत्यराज हिरण्यकश्यप के वध के लिए नरसिंह रूप में धरती पर अवतरण लिया था। साथ ही भगवान नरसिंह की परम भक्ति से ही भक्त प्रहलाद को बैकुंठ धाम की प्राप्ति हुई थी। मान्यता है कि भगवान नरसिंह की पूजा करने से शारीरिक व मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं और कई प्रकार के भय से मुक्ति प्राप्त होती है। इसके साथ भगवान विष्णु के इन स्वरूप की उपासना करने से जीवन में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती है।

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