Yamuna Chhath 2025:यमुना छठ एक हिंदू त्योहार है माना जाता है कि इसी दिन देवी यमुना पृथ्वी पर अवतरित हुई थी और इस दिन को यमुना जयंती के रूप में भी जाना जाता है। यह उत्सव चैत्र मास में शुक्ल पक्ष षष्ठी को होता है और यह आमतौर पर चैत्र नवरात्रि के दौरान होता है।
Yamuna Chhath kya hai:यमुना छठ क्या है?
यमुना छठ, जिसे यमुना जयंती के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में मनाई जाती है। इसके अलावा, यह यमुना नदी के गौलोक से पृथ्वी पर आने का प्रतीक है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, श्री हरि ने यमुनाजी को गौलोक से उतरने का आदेश दिया था। इस प्रकार, उन्होंने आज्ञा का पालन किया और अपनी दिव्य उपस्थिति से दुनिया को आशीर्वाद दिया।
इसलिए भक्तजन इस दिन को गहरी आस्था और भक्ति के साथ मनाते हैं।
यमुना छठ: आस्था और श्रद्धा का पावन पर्व (Yamuna Chhath: A Festival of Devotion and Faith)
Introduction
यमुना छठ (Yamuna Chhath) भारत के प्रमुख धार्मिक त्योहारों में से एक है, जिसे विशेष रूप से उत्तर भारत में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। यह पर्व मां यमुना (Maa Yamuna) को समर्पित है, जो हिंदू धर्म में पवित्र नदियों में से एक मानी जाती हैं। इस दिन भक्त यमुना नदी के तट पर एकत्रित होकर पूजा-अर्चना करते हैं और पवित्र स्नान (holy bath) करके मां यमुना का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
श्रीयमुनाष्टकम् sriyamunashtakam
यमुना छठ का महत्व (Significance of Yamuna Chhath)
मां यमुना को हिंदू धर्म में जीवनदायिनी नदी माना जाता है। उनकी पूजा करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। मान्यता है कि इस दिन यमुना स्नान (Yamuna Snan) करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
यमुना छठ कब और कहां मनाया जाता है? (When and Where is Yamuna Chhath Celebrated?)
वर्ष 2025 में यमुना छठ 3 अप्रैल 2025, गुरुवार को मनाई जाएगी। हालांकि, षष्ठी तिथि 02 अप्रैल 2025 को रात्रि 11:49 बजे प्रारंभ होगी और 03 अप्रैल 2025 को रात्रि 09:41 बजे समाप्त होगी।
यह पर्व चैत्र मास (Chaitra month) के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि (Shashthi Tithi) को मनाया जाता है। खासतौर पर यह उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), दिल्ली (Delhi), हरियाणा (Haryana) और उत्तराखंड (Uttarakhand) में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। मथुरा (Mathura), वृंदावन (Vrindavan), प्रयागराज (Prayagraj) और आगरा (Agra) के घाटों पर इस दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
यमुना छठ पूजन विधि (Yamuna Chhath Puja Vidhi)
- स्नान एवं संकल्प (Holy Bath & Sankalp): प्रातः काल भक्त यमुना नदी में स्नान कर पवित्र जल से आचमन करते हैं और व्रत (fasting) का संकल्प लेते हैं।
- अर्घ्य प्रदान (Offering Arghya): भगवान सूर्य और मां यमुना को जल अर्पित किया जाता है।
- पूजन सामग्री (Puja Samagri): पूजन में गंगाजल, दूध, फल, फूल, पंचामृत, दीपक और मिष्ठान चढ़ाया जाता है।
- भजन-कीर्तन (Bhajan & Kirtan): घाटों पर भक्तजन भजन-कीर्तन कर मां यमुना की महिमा गाते हैं।
- दान-पुण्य (Charity & Donations): इस दिन विशेष रूप से गरीबों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा दान करना शुभ माना जाता है।
श्रीयमुना कवचम् Sriyamuna Kavacham
Yamuna Chhath 2025:यमुना छठ 2025 का महत्व
Yamuna Chhath 2025:यमुना छठ प्रकृति के प्रति हमारी गहरी आस्था का एक सुंदर प्रतिबिंब है। Yamuna Chhath 2025 हिंदू होने के नाते, हम न केवल प्रकृति के साथ रहते हैं, बल्कि उसका सम्मान भी करते हैं।
वैसे तो लोग भारत को सपेरों का देश कहते हैं, लेकिन हमारे लिए प्रकृति की हर रचना पवित्र है। हमारे त्यौहार उनका सम्मान करते हैं, चाहे वो भैया पंचमी हो, जिसमें हम साँपों की पूजा करते हैं, या वट सावित्री व्रत हो , Yamuna Chhath 2025 जिसमें हम बरगद के पेड़ को नमन करते हैं या फिर कार्तिक पंचमी हो , जिसमें हम तुलसी माता की पूजा करते हैं।
इसी तरह, इस खास दिन पर हम यमुना नदी के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं, उसकी पवित्रता और कृपा के लिए प्रार्थना करते हैं। गंगा, नर्मदा, शिप्रा और सरयू की तरह Yamuna Chhath 2025 यमुना भी सिर्फ एक नदी नहीं बल्कि हमारे जीवन में एक दिव्य आशीर्वाद है।
जाहिर है, छठ पूजा साल में दो बार की जाती है। इसके अलावा, चैत्र महीने में मनाई जाने वाली छठ को चैती छठ और कार्तिक महीने में मनाई जाने वाली छठ को कार्तिकी छठ कहा जाता है जिसे सूर्य छठ पूजा के नाम से भी जाना जाता है । Yamuna Chhath 2025 दरअसल, चैती छठ को यमुना छठ के नाम से भी जाना जाता है।
इसके अतिरिक्त, यह माना जाता है कि जो लोग यमुना छठ पर यमुना में स्नान करते हैं, Yamuna Chhath 2025 दान करते हैं और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं, उन्हें यमराज और शनि से सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है ।